रूस हिरोशिमा से भी बड़ा हमला करने की फिराक में! परमाणु बम भेजे बेलारूस को, नाटो की आएगी शामत

 
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बेलारूस और रूस दोनों ही मित्र राष्ट्र हैं, युद्ध के दौरान भी बेलारूस पूरी तरह से मॉस्को का साथ दे रहा है। ऐसे में अब पुतिन ने एक और बड़ी चाल चली है जिससे पूरी दुनिया की टेंशन बढ़ गई है।

मॉस्को। करीब डेढ़ साल से चल रहे यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध में अब रूस ने एक और बड़ा कदम उठाया है। रूस अब अपने परमाणु बम को अपने करीबी देश बेलारूस में तैनात करने जा रहा है। इससे पूरी दुनिया की टेंशनें बढ़ गई हैं। क्योंकि यह पहली बार है कि रूस इतना बड़ा कदम उठाने जा रहा है। रूस का यह कदम अपने आप में बहुत मायने रखता है क्योंकि मॉस्को का दुनिया के सामने यह स्पष्ट संदेश है कि चाहे कुछ भी हो जाए रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में पीछे नहीं हटेगा।

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रूस इसी साल जुलाई से बेलारूस में परमाणु हथियारों की तैनाती शुरू करेगा। बता दें कि कुछ महीनों पहले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंकों के बीच अहम मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों राष्ट्राध्यभक्षों ने कई बातों पर द्विपक्षीय चर्चा की थी। रूस की ओर से तैनात किए जा रहे इन परमाणु बमों का कंट्रोल पूरी तरह से रूस के पास ही होगा। बता दें कि रूस पहला देश नहीं है जो इतना बड़ा कदम उठा रहा है। इससे पहले अमेरिका भी कई यूरोप में कई जगहों पर अपने परमाणु बमों को तैनात कर चुका है।

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यूक्रेन पर रूस के इन्वेजन के बाद से ही दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ी है। ऐसे वक्त में रूस के इस कदम से पूरी दुनिया की मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं। रूस का यह कदम स्पष्ट तौर पर अपने परमाणु हथियारों के यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल करने की ओर एक बड़ा संकेत है।

रूस जिन बमों को बेलारूस में तैनात कर रहा है वह बस हिरोशिमा और नागासाकी पर जो बम इस्तेमाल किए गए थे उससे तीन गुना ज्यादा खतरनाक हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक हिरोशिमा और नागासाकी पर 16 और 21 किलो का था। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अगर लुकाशेंको की बात सही है तो जो बम बोलारूस में तैनात किए जा रहे हैं वह 48 से 63 किलो टन के हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यह बम कितने खतरनाक होंगे।

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रूस का इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे स्पष्ट है कि पुतिन पश्चिमी देशों और नाटो देशों के लिए एक बड़ा संदेश देना चाहते हैं। दरअसल यूक्रेन के साथ युद्ध में हाल ही में ब्रिटेन ने यूक्रेन को यूरेनियम देने का वादा किया था। इसी बीच अमेरिका से भी खबरें सामने आ रही थीं कि वह भी यूक्रेन को यूरेनियम देने की तैयारी कर चुका है। बेलारूस के एक बयान के अनुसार पुतिन का यह फैसला पश्चिमी देशों की एग्रेसिव पॉलिसी के खिलाफ लिया गया है। पुतिन इसके जरिए कड़ा संदेश देना चाहते हैं कि पश्चिमी देशों को आगे बढ़ने से पहले सोचना चाहिए।

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