पुतिन ने यूक्रेन पर हमले के लिए उतारे आग बरसाने वाले टैंक, 11 साल लगे बनाने में, कितना है खतरनाक?

 
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T-14 Armata:रूस-यूक्रेन के बीच जंग पिछले एक साल से चल रही है। यूक्रेन इस बात पर अड़ा है कि वह रूस के सामने घुटने नहीं टेकेगा। वहीं रूस हर वक्त यूक्रेन को आंख दिखा रहा है।

 

नई दिल्ली। T-14 Armata Tank: क्या रूस ने इस बार फिर यूक्रेन की सेना पर नया हमला शुरू कर दिया है? हालांकि, रूसी सरकार ने ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन समाचार एजेंसी रॉयटर्स का दावा है कि रूस के नए हथियार यूक्रेन की धरती पर उतारे हैं। ये रूस के शस्त्रागार में सबसे नया तुरुप का इक्का टी-14 अर्माटा टैंक हो सकता है! रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, व्लादिमीर पुतिन की सेना ने यूक्रेन की धरती पर इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया है। हालांकि, हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस ने इस टैंक के जरिए अभी किसी को निशाना नहीं बनाया।

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रूसी राज्य समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने एक सूत्र के हवाले से कहा, "टी -14 अर्मटा टैंक का अभी तक सीधे हमले (यूक्रेन के खिलाफ) में इस्तेमाल नहीं किया गया है।" आरआईए का दावा है कि रूसी सेना को अतिरिक्त आत्मविश्वास देने के लिए पुतिन की तरफ से इन टैंकों को भेजा गया है। समाचार एजेंसी के मुताबिक रूसी सैनिक आने वाले दिनों में इन बख्तरबंद टैंकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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कितना है खतरनाक?
रॉयटर्स के मुताबिक, टी-14 अर्माटा टैंक के अंदर बैठकर ऑपरेट किया जा सकता है। उसके लिए इस बख्तरबंद वाहन के ऊपर किसी सैनिक के खड़े होने की जरूरत नहीं है। यानी इस टैंक का चालक दुश्मन पर हमला करने के लिए इसके अंदर हथियारबंद 'कैप्सूल' में बैठता है। जहां से वह इसे नियंत्रित कर सकता है। आरआईए की रिपोर्ट के मुताबिक, हाईवे जैसी चिकनी सतह पर एक टैंक की अधिकतम गति 80 किमी प्रति घंटा है। इस टैंक को युद्ध के उबड़-खाबड़ इलाकों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 55 टन के हर टैंक की लंबाई 35 फीट है। ऐसा दावा किया गया है कि टैंक 5 से 12 किलोमीटर दूर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।

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बनाने में लगे 11 साल
ब्रिटिश इंटेलिजेंस के मुताबिक, ऐसे टैंक बनाने में 11 साल लग गए थे। इसमें इतना समय लगने के कई कारण हैं। रॉयटर्स ने बताया कि अर्माटा टैंक को 2014 में यूरालवगोनजावॉड नामक एक रूसी कंपनी द्वारा डिजाइन किया गया था। अगले वर्ष डिजाइन का खुलासा किया गया था। उसके बाद, 2020 में क्रेमलिन की तरफ 2,300 ऐसे टैंकों के प्रोडक्शन के लिए कंपनी को ऑर्डर दिया गया था। हालांकि, रूसी समाचार एजेंसी इंटरफैक्स ने दिसंबर 2021 में बताया कि टैंक का निर्माण रूसी बहुराष्ट्रीय रोस्टेक द्वारा किया गया था। उस समय उन्होंने लगभग 40 टैंकों का प्रोडक्शन शुरू किया। वे 2023 में इनकी डिलीवरी करने का लक्ष्य बना रहे थे। हालांकि, रूसी मीडिया के अनुसार, यूरालवगोनजावॉड के साथ टैंकों के उत्पादन का अनुबंध 2025 तक बढ़ा दिया गया है।

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कितनी है कीमत?
मीडिया के मुताबिक, 2015 में प्रत्येक टी-14 अर्मटा टैंक की कीमत 37 मिलियन से 46 मिलियन डॉलर के बीच थी। 2022 में यह लागत बढ़कर 50-71 लाख डॉलर हो गई। इस टैंक की 'प्राइमरी गन' में 42 राउंड गोला बारूद लोड किया जा सकता है। जिनमें से 32 राउंड ऑटोलोडर हैं। दूसरी ओर, इस बख्तरबंद वाहन में एक ही एक्सिस मशीन गन में 2,000 राउंड गोला बारूद की क्षमता है।

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