कंगाल पाकिस्तान के लिए मुश्किल हुआ अपनी सेना का खर्च चलाना, 'दान' की गुहार लगाई US से

Pakistan: अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने कहा कि पाकिस्तान ने रूसी तेल के लिए अपना पहला ऑर्डर दिया, जो अमेरिकी सरकार के परामर्श से किया गया। उन्होंने अफगानिस्तान में स्थिरता लाने में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा 'अफगानिस्तान की स्थिरता, सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है।
वॉशिंगटन। कंगाल पाकिस्तान ने अमेरिका से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा निलंबित किए गए सैन्य वित्तपोषण और बिक्री को बहाल करने के लिए बाइडन प्रशासन से गुहार लगाई है। अमेरिका में पाकिस्तान के दूत मसूद खान ने गुरुवार को वाशिंगटन में सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा ‘यह महत्वपूर्ण हो गया है कि अमेरिका पाकिस्तान के लिए विदेशी सैन्य वित्तपोषण और विदेशी सैन्य बिक्री को बहाल करे।’ बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने आतंकवादियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को सबक सीखाने के लिए अरबों डॉलर की मदद पर रोक लगा दी थी। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सेमीनार विल्सन सेंटर में आयोजित किया गया था।
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इस कार्यक्रम में मौजूद दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी प्रधान उप सहायक विदेश मंत्री एलिजाबेथ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण में मदद करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया और इस्लामाबाद से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा ‘पाकिस्तान और आईएमएफ जिन सुधारों पर सहमत हुए हैं, वे आसान नहीं हैं। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान को मजबूत वित्तीय स्तर पर वापस लाने के लिए ये कदम उठाए जाए ताकि वह आगे कर्ज में गिरने से बच सके और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाए।
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अमेरिका और चीन दोनों अफगानिस्तान में आतंकवाद के बारे में चिंतित: मसूद खान
डॉन की खबर के मुताबिक, अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने कहा कि पाकिस्तान ने रूसी तेल के लिए अपना पहला ऑर्डर दिया, जो अमेरिकी सरकार के परामर्श से किया गया। उन्होंने अफगानिस्तान में स्थिरता लाने में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा ‘अफगानिस्तान की स्थिरता, सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है। अमेरिका और चीन दोनों अफगानिस्तान में आतंकवाद के विकास के बारे में चिंतित हैं। आइए इस खतरे को खत्म करने के लिए मिलकर काम करें। आज यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए एक खतरा है, अगर इसे अनियंत्रित किया गया, तो यह दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल जाएगा।’
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बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद से अमेरिका-पाकिस्तान के संबंध खराब हो गए थे। चीन के साथ अमेरिकी प्रतिद्वंद्विता ने अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है, जिससे देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को और भी नुकसान पहुंचा है। गौरतलब है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेरर फंडिंग के मुद्दे पर पाकिस्तान को सबक सीखाने के लिए ‘अरबों डॉलर’ की सैन्य मदद को रोक दिया था। पाकिस्तान में ट्रेंड और पनाह लेने वाले आतंकियों ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की हत्या की थी। इस खुलासे के बाद डोनाल्ड ट्रंप भड़क गए थे और यह कदम उठाया था।
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