पाकिस्तान के हालात हो जाएंगे श्रीलंका जैसे, सड़कों पर होगी जनता... पूर्व PM इमरान खान दे रहे चेतावनी

Pakistan Sri Lanka: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने चेतावनी दी है कि लगातार खराब हो रही पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति उसे श्रीलंका जैसे हालात की ओर ले जा सकती है। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए जल्द से जल्द चुनाव होने चाहिए, क्योंकि जनता के सब्र का बांध टूट रहा है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के चेयरमैन इमरान खान ने चेतावनी दी है कि अगर चुनाव नहीं हुए तो देश में एक हिंसक विरोध प्रदर्शन होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव न होने की स्थिति में पाकिस्तान को श्रीलंका जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इमरान ने कहा, 'ये मेरी चेतावनी नहीं, बल्कि विश्लेषण है। आम लोग रैलियों में अभी शांत हैं, इस उम्मीद में कि जल्द ही चुनाव हो जाएंगे।'
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पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया गया तो वे सड़कों पर उतर जाएंगे और कोई भी स्थिति को नहीं संभाल सकेगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार अभी भी चुनाव से भाग रही है, उन्हें डर है कि वे हार जाएंगे। इमरान ने कहा, 'पाकिस्तान की खराब आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए मैंने अब तक पार्टी के फैसले लिए हैं, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचा है। लेकिन अगर चुनाव में और देरी होती है तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी।'
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पाकिस्तान टूटने की कगार पर
देश की ओर से उन्होंने पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों से आग्रह किया कि वे अपने मतभेदों को पीछे छोड़ कर राष्ट्र के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान टूटने की कगार पर था। अगर संविधान का उल्लंघन किया गया, जिसकी कोशिश हो रही है तो देश में जंगल राज आ जाएगा। देश अब सुप्रीम कोर्ट की ओर देख रहा है।' इमरान खान ने घोषणा की है कि वह इस्लामाबाद, लाहौर और पेशावर में सोमवार को मजदूर दिवस के मौके पर रैली करेंगे।
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देश में एक साथ हो चुनाव
देश में एक साथ चुनाव कराने को लेकर इमरान ने सरकार की ईमानदारी पर संदेह जताया। उन्होंने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के अनुरोध पर सरकार के साथ बातचीत करने के लिए सहमत हुए और हमें पूरी ईमानदारी के साथ बातचीत की मेज पर आना होगा।' उन्होंने खुलासा किया कि 2 मई को उनकी टीम बातचीत में शामिल होगी और अगर सरकार 14 मई तक लोकसभा और सभी विधानसभाओं को भंग करने के लिए प्रतिबद्ध है तो वे आगे बढ़ने और एक साथ देश में चुनाव कराने को तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट के बाद विधानसभा को भंग करने के फैसले को वह नहीं मानेंगे।
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