हाल-ए-पाकिस्तान: जनता बेहाल, बैंक कंगाल, फिर भी PM शरीफ चले करने कैबिनेट विस्तार

गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान को न आईएमएफ से राहत मिल रही है न ही उसके देश में स्थिति सुधर रही है। मगर इसी बीच शहबाज शरीफ ने अपने कैबिनेट के विस्तार के संकेत दिए हैं। जिसके बाद उनकी आलोचना हो रही है।
नई दिल्ली। गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान को सियासत सूझी है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने कैबिनेट में हेरफेर के संकेत दिए हैं। पहले से ही एक बड़े मंत्रिमंडल में विशेष सहायक की भर्ती करने के फैसले पर पाकिस्तानी सरकार न केवल व्यापक निंदा झेल रही है, बल्कि विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक संकट में डूबे पाकिस्तान के लिए यह मुश्किल कदम है।
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पिछले साल अप्रैल में सत्ता में काबिज पीएम शहबाज शरीफ अपने विशेष सहायकों भर्ती करने और मंत्रिमंडल के लगातार विस्तार की वजह से विपक्ष को सवाल करने का मौका दे दिया है।
पूर्व सीनेटर और वकील मुस्तफा नवाज खोखर, हारून शरीफ अन्य लोगों पीएमएल-एन के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन पर आरोप लगाया कि वित्तीय संकट के बीच कैबिनेट का आकार लेना जनता के साथ धोखा है।
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पूर्व सीनेटर ने कहा, "जो देश अपने इतिहास के सबसे खराब वित्तीय संकटों में से एक से गुजर रहा है.. ऐसे समय में सरकार कैबिनेट का विस्तार कर असंवेदनशीलता दिखाई दे रही। आम आदमी के पास अपने रोजाना की जिंदगी को खुशी के साथ जीने के लिए कोई वित्तीय स्थान नहीं बचा है।"
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