पाकिस्तानी कोई भिखारी नहीं हैं, ऐसी बदसलूकी क्यों... कर्ज देने को तैयार नहीं IMF तो भड़का पाकिस्तान

Pakistan IMF Loan: आईएमएफ की ओर से अब तक कर्ज न मिलने और शर्तें लगातार कड़ी होने से पाकिस्तान भड़क गया है। उसके अधिकारियों ने कहा कि आईएमएफ हमारे साथ भिखारियों जैसा बर्ताव कर रहा है, जबकि हम उसके मेंबर देश हैं।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में बैठकर सरकारी विभागों की तमाम फाइलें पलटने के बाद आईएमएफ की टीम फरवरी को वापस लौट गई थी। तब उसने मुश्किल में फंसे पाकिस्तान को कर्ज देने पर कुछ ठोस वादा तो नहीं किया था, लेकिन कुछ करने का भरोसा जरूर जताया था। आईएमएफ ने आगे भी बातचीत जारी रहने और स्टाफ लेवल एग्रीमेंट होने पर लोन देने की बात कही थी। लेकिन अब उसका मन बदलता दिख रहा है, जिससे पाकिस्तान भी खीज गया है। यही नहीं पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी ने तो गुस्से में यहां तक कहा कि हम आईएमएफ के मेंबर देश हैं, लेकिन हमारे साथ भिखारियों जैसे बर्ताव किया जा रहा है।
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आईएमएफ की शर्तों पर पाकिस्तान लगातार काम कर रहा है, लेकिन अब तक लोन की किस्त जारी किए जाने का कोई संकेत नहीं मिला है। इस बीच 'डॉन' की खबर के मुताबिक पाक सरकार के अधिकारी आईएमएफ के रवैये से नर्वस हैं। उन्हें लगता है कि आईएमएफ गलत कर रहा है और उसने लोन जारी करने के लिए तय की गईं 4 शर्तों को भी बदल दिया है। इससे पाकिस्तान की सरकार थोड़ा परेशान है। कई अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर यहां तक कहा कि यह तो पाकिस्तान के साथ बदसलूकी जैसा है।
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एक अधिकारी ने कहा, 'हम आईएमएफ के मेंबर देश हैं, कोई भिखारी नहीं है। यदि ऐसा ही समझते हो तो फिर हमारी सदस्यता ही समाप्त कर दो।' डॉन से बातचीत में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि देश के हालात 1998 जैसे हो गए हैं, जब परमाणु परीक्षण के बाद आर्थिक संकट गहरा गया था। पाक अफसरों ने कहा कि आईएमएफ यूं तो कह रहा है कि ऐसी नीतियां बनाओ, जिससे गरीबों को फायदा दो। लेकिन वह खुद ऐसी पॉलिसीज के लिए हम पर दबाव बना रहा है, जिससे कम आय वर्ग वाले लोगों को ही नुकसान होगा।
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आईएमएफ से इस वीक फिर से बातचीत की है उम्मीद
हालांकि इस बीच पाकिस्तान प्रशासन को उम्मीद है कि अगले सप्ताह आईएमएफ की टीम से फिर बातचीत हो सकती है। इससे स्टाफ लेवल एग्रीमेंट पर सहमति बन सकती है। आईएमएफ का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में पाकिस्तान को संकट से उबरने के लिए कम से कम 7 अरब डॉलर की जरूरत है। वहीं स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का कहना है कि फिलहाल देश का विदेश मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर है, जो इसी साल जून तक बढ़कर 10 अरब डॉलर तक हो सकता है।
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