रूस से पाकिस्तान को डिस्काउंट पर मिलेगा कच्चा तेल, संसद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का दावा

पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि इस सौदे के माध्यम से केवल कच्चे तेल की खरीद होगी।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistan Prime Minister Shehbaz Sharif) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान को डिस्काउंटेड रूसी तेल की खेप प्राप्त करने के लिए सब कुछ तय कर लिया गया है। पाकिस्तान की संसद में शहबाज शरीफ ने कहा कि जैसा कि हम बोल रहे हैं, यहां पहुंचने के लिए रूसी तेल लोड किया जा रहा है।”
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पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक (Petroleum Minister Musadik Malik) ने पिछले हफ्ते समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया कि पाकिस्तान ने कम कीमत वाले रूसी कच्चे तेल की पहली खरीद की है। रियायती खरीद नकदी की तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को बहुत जरूरी राहत प्रदान करेगी। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक में विदेशी मुद्रा भंडार काफी कम बचा है और मुश्किल से एक महीने का चल पायेगा। ऊर्जा आयात इसके अधिकांश बाहरी भुगतान से होता है।
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पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक के अनुसार, “यह सौदा पाकिस्तान को केवल कच्चे तेल की खरीद करेगा। वहीं इस्लामाबाद के साथ आयात को 100,000 बैरल प्रति दिन (BPD) तक पहुंचाने का लक्ष्य होगा। अगर पहला लेनदेन सुचारू रूप से हो जाता है।”
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पाकिस्तान रिफाइनरी लिमिटेड (PRL) शुरू में ट्रायल रन में रूसी कच्चे तेल को रिफाइन करेगी। इसके बाद पाक-अरब रिफाइनरी लिमिटेड (PARCO) और अन्य रिफाइनरियों को भी इस काम में शामिल किया जाएगा।
हालांकि रूस ने अभी तक सौदे पर टिप्पणी नहीं की है। एनालिटिक्स फर्म केपलर के आंकड़ों से पता चलता है कि लंबे समय से पश्चिमी सहयोगी पाकिस्तान ने 2022 में 154,000 BPD तेल का आयात किया था। ये पिछले साल की तुलना में बराबर है। अधिकांश की आपूर्ति दुनिया के शीर्ष निर्यातक सऊदी अरब द्वारा की गई, जिसके बाद संयुक्त अरब अमीरात का स्थान है।
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बता दें कि रूस यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते रूस अब अपने परंपरागत यूरोपीय खरीदारों को तेल की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। इसलिए वह एशिया, अफ्रीका और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों में तेल निर्यात कर रहा है। द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत और चीन रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार बन गए हैं। दोनों देश करीब 1.9 मिलियन बैरल तेल रोज खरीद रहे हैं। यह तेल निर्यात का 90 प्रतिशत हिस्सा है।
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