पाकिस्तान चले भारत की राह पर, नहीं तो हमेशा मांगनी पड़ेगी भीख... पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

Pakistan Economic Crisis India: पाकिस्तान के आर्थिक हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। देश को डिफॉल्ट होने से बचाने के लिए पाकिस्तान को लगातार चीन से लेकर आईएमएफ से कर्ज की भीख मांगनी पड़ रही है। इस बीच पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने शहबाज सरकार को भारत के रास्ते से सीख लेने की नसीहत दी है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान दिवालिया होने से बस एक कदम दूर है और उसे लोन के लिए सऊदी अरब, चीन, आईएमएफ और अमेरिका से गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। चीन जहां बहुत ऊंचे ब्याज दर पर लोन दे रहा है, वहीं आईएमएफ पाकिस्तान की बार-बार भीख मांगने की आदत को देखते हुए कर्ज देने से पहले कड़ी शर्ते लाद रहा है। पाकिस्तान के बड़बोले वित्त मंत्री इशाक डार ने आईएमएफ से लोन नहीं मिलने के पीछे इमरान सरकार पर ठीकरा फोड़ दिया है। वहीं विशेषज्ञ अब पाकिस्तान को भविष्य में इस तरह के संकट से बचने के लिए अब अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक उसी तरह से रीस्ट्रक्चर करने की सलाह दे रहे हैं, जैसे भारत ने 1990 के दशक में किया था।
विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, कॉल 8279269659
पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अखबार डॉन के मुताबिक वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि पिछली सरकार ने साल 2019 में 6 अरब डॉलर के फंडिंग प्रोग्राम के लिए वादे आईएमएफ से किए थे, उसे पूरा नहीं किया जिससे अब भरोसे का संकट पैदा हो गया है। अखबार ने अपने संपादकीय में कहा कि इशाक डार सही हैं और इमरान खान की पीटीआई सरकार ने आर्थिक सुधार करने से अपने कदम पीछे खींच लिए थे जिसका उन्होंने वादा किया था। यही नहीं इमरान ने कुछ कदम उठाए लेकिन बाद में उसे पलट भी दिया। पाकिस्तान सात दशकों में अब तक 23 बार आईएमएफ से कर्ज की भीख मांग चुका है।
यह खबर भी पढ़ें: महिला टीचर को छात्रा से हुआ प्यार, जेंडर चेंज करवाकर रचाई शादी
'भारत की राह पर चले पाकिस्तान'
रॉयटर्स के मुताबिक आर्थिक संकट में फंसे दुनिया के देशों को आईएमएफ से इसलिए कर्ज मिलने में अप्रत्याशित देरी हो रही है क्योंकि चीन और पश्चिमी देशों के बीच कर्ज राहत किस तरह से दी जाए, इसको लेकर विवाद चल रहा है। इसमें बताया गया है कि जांबिया को आईएमएफ से कर्ज मिलने में 271 दिन और श्रीलंका को बेलआउट पैकेज लेने में करीब 200 दिन लग गए। पाकिस्तान को जहां लोन नहीं मिल पा रहा है, वहीं उसके डॉलर का भंडार सूखता जा रहा है। अपनी नीतियों का सुधारने की बजाय पाकिस्तान सरकार अब आईएमएफ पर ही आरोप लगाने लगी है।
यह खबर भी पढ़ें: 'मेरे बॉयफ्रेंड ने बच्चे को जन्म दिया, उसे नहीं पता था वह प्रेग्नेंट है'
हालत यह है कि पाकिस्तान के दोस्त देश भी आईएमएफ से डील हुए बिना पाकिस्तान को लोन देने को तैयार नहीं हैं। डॉन ने कहा कि चीन भले ही पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को सुधारने के लिए आगे आया हो लेकिन पर्याप्त नहीं होने जा रहा है। पाकिस्तान को अगर भविष्य में इस तरह के महासंकट से बचना है तो हमें अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक उसी तरह से रीस्ट्रक्चर करना होगा जैसे भारत ने 1990 के दशक में किया था। अखबार ने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान भारत की राह पर नहीं चला तो उसे और ज्यादा शर्मनाक स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा और अगली बार लोन देने वाले हम पर और ज्यादा कड़ी शर्तें लाद देंगे।
Download app : अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप