पाकिस्तान सैनिकों को 'दो वक्त का भोजन' नहीं दे पा रहा, भूखे जवान लैटर लिखने को मजबूर

 
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सेना प्रमुख मुनीर ने QMG, CLS और DG MO को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि सभी जरूरतें रक्षा मंत्रालय की तरफ से पूरी कराई जाएं। पाक हर साल औसतन 13400 डॉलर प्रति जवान खर्च करता है।

 

इस्लामाबाद। आर्थिक संकट में डूबा पाकिस्तान इस कदर बेहाल है कि सैनिकों को ठीक से भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है। खबर है कि हाल ही में पाकिस्तान सेना के शीर्ष कमांडरों ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी और साथ में खाद्य आपूर्ति का मुद्दा भी उठाया था। खास बात है कि पाकिस्तान की सेना और उसके अर्धसैनिक बल पहले ही तहरीक-ए-तालिबान (TTP) की बढ़ती सक्रियता के चलते अभियानों में जुटे हुए हैं।

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एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बढ़ती महंगाई के चलते सैनिकों की मेस में आपूर्ति पर भी असर हुआ है। इस संबंध में फील्ड कमांडरों ने रावलपिंडी में क्वार्टर मास्टर जनरल दफ्तर में कुछ पत्र भी पहुंचाए हैं, जिनमें खाद्य संकट से जुड़ी बातें कही गई हैं। इधर, QMG ने भी हालात पर चीफ ऑफ लॉजिस्टिक स्टाफ (CLS) और डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) के साथ चर्चा की है।

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रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि बढ़ती महंगाई और स्पेशल फंड में कटौती के बीच सेना अपने सैनिकों को 'ठीक से दो वक्त' भोजन कराने की स्थिति में नहीं है। डीजी मिलिट्री ऑपरेशन्स ने कहा कि सेना 'लॉजिस्टिक्स और सप्लाई में और कटौती की स्थिति में नहीं है'जिससे जारी अभियान रुक सकते हैं। उन्होंने कहा कि सैनिकों को और भोजन और स्पेशल फंड चाहिए।

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सेना प्रमुख मुनीर ने QMG, CLS और DG MO को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि सभी जरूरतें रक्षा मंत्रालय की तरफ से पूरी कराई जाएं। आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान हर साल औसतन 13 हजार 400 डॉलर प्रति सैनिक खर्च करता है।

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संकट में पाक
खास बात है कि पाकिस्तान पहले ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कम करने, विदेशी मिशन कम करने समेत कई उपाय करने के बारे में सोच रहा है। इसी बीच मुल्क टीटीपी की लगातार बढ़ती सक्रियता से मुश्किल हुए हालात पर काबू पाने की जद्दोजहद में लगा हुआ है।

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