अपने ही पोल-पट्टी खोल रहे पाकिस्तान की, कहा- अब 'डिजिटल तबाही' की तरफ बढ़ रहे हम

पाकिस्तान की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी के सीईओ ने सरकार को चेतावनी दी है कि अमेरिकी डॉलर के साथ दूरसंचार लाइसेंस की कीमतों को तय करने की गलत नीति के कारण देश एक डिजिटल तबाही की ओर बढ़ रहा है।
इस्लामाबाद। अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान की हालत इस कदर पतली हो चुकी है कि उसी देश के आर्थिक एक्सपर्ट्स श्रीलंका या उससे भी बुरे हश्र का अंदेशा जता रहे हैं। अपने ही शहबाज सरकार की पोल खोल रहे हैं। पाकिस्तान की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अमेरिकी डॉलर में दूरसंचार लाइसेंस की कीमतों को तय करने की गलत नीति के कारण देश एक डिजिटल तबाही की ओर बढ़ रहा है।
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पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड (पीटीसीएल) ने कहा कि पाकिस्तान को कार्रवाई करनी चाहिए और देश के डिजिटल विकास को धीमा करने से बचने के लिए नियामक राहत की योजना तैयार करनी चाहिए। पाकिस्तान की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी के सीईओ ने कहा है कि उतार-चढ़ाव वाली विनिमय दर, बढ़ती विनिमय दरों और ईंधन ने अनिश्चितता पैदा कर दी है और उनके लिए व्यवसाय योजना बनाना असंभव बना दिया है।
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बिजनेस रिकॉर्डर के मुताबिक, पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड के सीईओ हेटम बामट्राफ ने एक ट्वीट में कहा, "यूएसडी के मुकाबले पीकेआर के लगातार अवमूल्यन के साथ, देश में व्यापार करने की लागत में काफी वृद्धि हुई है। दूरसंचार कंपनियों से बुनियादी ढांचे में भारी निवेश की उम्मीद है।" पीकेआर (पाकिस्तानी रुपया) में कमाई करते हुए आधुनिकीकरण, डिजिटल पाकिस्तान के सपने के लिए हानिकारक होता जा रहा है। हमें अब कार्रवाई करनी चाहिए और देश के डिजिटल विकास को धीमा करने से बचने के लिए रणनीति तैयार करनी चाहिए।"
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एक अन्य ट्वीट में हेटम बामाट्राफ ने कहा, "विनिमय दर (Exchange rate) में उतार-चढ़ाव, बढ़ती ब्याज दरों, ईंधन और बिजली की दरों के कारण अनिश्चितता के कारण फैली अव्यवस्था की स्थिति ने बिजनेस प्लानिंग को असंभव बना दिया है। दूरसंचार उद्योग पर गलत तरीके से कर लगाया हुआ है।" जैज के सीईओ आमिर इब्राहिम ने एक ट्वीट में कहा कि पाकिस्तानी रुपये के अवमूल्यन ने दूरसंचार कंपनियों के लिए व्यापार के मामले को खतरे में डाल दिया है, क्योंकि बिजनेस रिकॉर्डर के अनुसार टेलीकॉम लाइसेंस फीस और किश्तों पर ब्याज अमेरिकी डॉलर से जुड़ा हुआ है।
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उन्होंने ट्वीट किया, "पीकेआर अवमूल्यन ने दूरसंचार कंपनियों के लिए व्यापार को खतरे में डाल दिया है, क्योंकि हमारी लाइसेंस फीस और किश्तों पर ब्याज अमेरिकी डॉलर के बराबर है। पिछले साल 50% लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क की कीमत हमें पीकेआर 44.5 बिलियन थी और इस साल सिर्फ 10%। अकेले किस्त की लागत 13 अरब पाकिस्तानी रुपये से अधिक पहुंच गई है।"
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