अपने दोस्त चीन को लेकर पाकिस्तान ने दिया ऐसा बयान!

पाकिस्तान ने कहा है कि वह चीन के गुट में शामिल नहीं हुआ है। उसका कहना है कि पाकिस्तान हमेशा से किसी भी गुट में शामिल होने से बचता रहा है। अमेरिका से रिश्तों को लेकर पाकिस्तान ने कहा कि वो हमारे सबसे पुराने दोस्तों में से एक है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान और चीन के बीच करीबी दोस्ती जगजाहिर है। कई मौकों पर पाकिस्तान ने चीनी प्रभाव में आकर अमेरिका की नाराजगी मोल ली है लेकिन अब पाकिस्तान ने कहा है कि वो किसी गुट में शामिल नहीं है। गुरुवार को पाकिस्तान ने कहा कि वो चीनी गुट का हिस्सा नहीं है। साथ ही उसने कहा कि अमेरिका उसका पुराना दोस्त है।
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एक प्रेस ब्रीफ में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा, 'मैं ऐसी किसी भी अटकल का खंडन करना चाहूंगी कि पाकिस्तान किसी गुट में शामिल हो गया है। पाकिस्तान की हमेशा से यह नीति रही है कि हम गुटबाजी वाली राजनीति में विश्वास नहीं करते हैं।'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन सदाबहार रणनीतिक सहयोगी हैं। यह एक ऐसा रिश्ता है जो पिछले कई दशकों में और मजबूत हुआ है और दोनों देश इस रिश्ते के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के दुनिया भर के देशों के साथ बेहतर संबंध हैं जिनमें मध्य-पूर्व, एशिया-पेसिफिक, यूरोप और अफ्रीका के देश शामिल हैं।
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'अमेरिका हमारा पुराना दोस्त'
अमेरिका के साथ अपने संबंधों को लेकर उन्होंने कहा, 'अमेरिका पाकिस्तान के सबसे पुराने दोस्तों और साझेदारों में से एक है और सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। हमारा अस्तित्व जितना पुराना है, अमेरिका के साथ हमारे संबंध भी शायद उतने ही पुराने हैं। पाकिस्तान-अमेरिका संबंध बहु-आयामी हैं, और हम कई क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करते हैं जो अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में एक पुल का काम करता है। किसी का पक्ष लेने या किसी गुट में शामिल होने का हमारा कोई इरादा नहीं है।'
अमेरिका ने कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर सवाल उठाया था। 60 अमेरिकी सांसदों ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वो पाकिस्तान में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा को प्राथमिकता दें।
यह पत्र पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी और उसके बाद देश में हुए बवाल के संदर्भ में था। 9 मई को इमरान खान भ्रष्टाचार के एक मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिए गए थे। इस गिरफ्तारी के बाद से पूरे पाकिस्तान में पीटीआई समर्थकों ने जमकर हंगामा किया था।
तोड़फोड़ और आगजनी में कई सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचा और कई लोग मारे गए। शहबाज शरीफ की सरकारी ने इसके बाद प्रदर्शनकारियों पर सख्ती से कार्रवाई की थी। पाकिस्तान में अब भी पीटीआई कार्यकर्ताओं और नेताओं पर सरकार की कार्रवाई जारी है। इसे लेकर 60 अमेरिकी सांसदों ने ब्लिंकन को पत्र लिखा था जिसे पाकिस्तान ने खारिज कर दिया है।
मुमताज जहरा बलोच ने कहा, 'हमने पत्र देखा है। पत्र में 9 मई की घटनाओं का जिस तरीके से चित्रण किया है और पाकिस्तान की जो स्थिति बताई है, उससे हम सहमत नहीं हैं।'
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भारत की आलोचना करने से नहीं चूकीं प्रवक्ता
22-24 मई के बीच कश्मीर के श्रीनगर में जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक आयोजित करने को लेकर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने बैठक में शामिल न होने वाले देशों सऊदी, तुर्की और चीन की सराहना भी की थी। उन्होंने कहा था कि ये देश कश्मीरियों का साथ देते हुए बैठक में शामिल नहीं हुए।
एक बार फिर पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर अपना मुंह खोला है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा भारत कश्मीर में जी-20 की बैठक आयोजित कर वहां की वास्तविकता को छुपा नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि भारत ने एक और अंतरराष्ट्रीय फोरम का राजनीतिकरण किया है और वो जी-20 की अध्यक्षता का इस्तेमाल अपने एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए कर रहा है।
Today over 65 members of Congress sent a bipartisan letter to @SecBlinken urging him to prioritize the promotion and protection of democracy and human rights in Pakistan
— PakistaniAmericanPAC (@PAKPAC) May 18, 2023
Together Pakistani-Americans are raising their voices in DC
See the letter and our statement below (1/2) pic.twitter.com/nFbEfSxT6p
भारत ने पाकिस्तान की आपत्तियों पर करारा जबाव देते हुए कहा है कि वो पहले अपने लोगों के लिए रोटी का इंतजाम करे, फिर भारत के मामलों में दखल दे। जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने वर्किंग ग्रुप की एक मीटिंग में मंगलवार को कहा था कि पाकिस्तान पहले अपने लोगों के लिए खाने-पीने का इंतजाम करे।
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उन्होंने कहा था, 'मुझे लगता है कि हमारे पड़ोसी देश को पहले अपने लोगों के लिए खाने-पीने और मूलभूत जरूरतों का इंतजाम करना चाहिए। हम काफी आगे बढ़ चुके हैं। जी-20 हमारे लिए गर्व का विषय है।'
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