अब तबाही मचाएगा यूक्रेन! जब युद्ध में उतरेंगे लेपर्ड-2 टैंक, रूसी सेना में खलबली

 
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कीव को 12 देशों से डिलीवरी की पहली किश्त में 120 से 140 अत्याधुनिक टैंक प्राप्त होने की उम्मीद है। इन टैंकों में जर्मनी के खतरनाक लेपर्ड-2 टैंक भी शामिल हैं।

 

नई दिल्ली। ukraine russia war: रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है और न तो रूस अभी अपने मकसद में कामयाब हो पाया है और न ही यूक्रेन ने हार मानी है। इस महायुद्ध में यूक्रेन से अत्याधुनिक लड़ाकू विमान F-16 करार  को रद्द करके अमेरिका ने भले ही किनारा कर लिया हो लेकिन, पश्चिम के कई देश अभी भी यूक्रेन के साथ हैं। यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने कहा है कि कीव को 12 देशों से डिलीवरी की पहली किश्त में 120 से 140 अत्याधुनिक टैंक प्राप्त होने की उम्मीद है। इन टैंकों में जर्मनी के खतरनाक लेपर्ड-2 टैंक भी शामिल हैं, जो युद्ध के मैदान में दुश्मन की सेना में सुनामी लाने में सक्षम हैं।

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यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने मंगलवार को कहा कि कीव को 12 देशों के गठबंधन से डिलीवरी की "पहली किश्त" में 120 से 140 टैंक प्राप्त होने की उम्मीद है। पश्चिमी देशों के एक समूह ने पिछले हफ्ते यूक्रेन को आधुनिक-निर्मित मुख्य युद्धक टैंकों की आपूर्ति करने का संकल्प लिया था। अब जर्मनी ने भी पुष्टि कर ली है कि वह अपने अत्याधुनिक टैंकर लेपर्ड-2 को भेजेगा। इसमें अमेरिका भी मदद को सामने आया है। अमेरिका ने कहा है कि वह कीव को मदद के तौर पर अपने एम-1 अब्राम टैंकों की आपूर्ति करेगा।

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बता दें कि पोलैंड और फ़िनलैंड जैसे देशों ने पहले ही सार्वजनिक रूप से संकेत दिया है कि वे यूक्रेन को अपने कई लेपर्ड-2 टैंक प्रदान करने को तैयार हैं। स्पेन, नीदरलैंड और डेनमार्क ने भी कहा है कि वे अपने जर्मन निर्मित टैंक भेजने के लिए तैयार हैं।

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क्या है यूक्रेन की तैयारी
कीव इन टैकों की मदद से अपने उन इलाकों को फिर से हासिल करने की योजना बना रहा है जो उसने रूस के खिलाफ युद्ध में खोये हैं। हालांकि वह चिंतित भी है कि रूस आने वाले हफ्तों में अपना बड़ा आक्रमण शुरू कर सकता है।

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अफगानिस्तान और सीरिया में लेपर्ड-2 दिखा चुकी जलवा
जर्मन निर्मित लेपर्ड-2 टैंक बेहद अत्याधुनिक और खतरनाक हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि युद्ध के मैदान में ये टैंकर रूस की सेना पर भारी पड़ सकते हैं। ये भी कहना है कि ये टैंकर युद्ध में निर्णायक साबित हो सकते हैं। लेपर्ड-2 टैंकर अफगानिस्तान और सीरिया में अपना धमाल दिखा चुके हैं। इसलिए रूस यूक्रेन को मिल रही इस मदद पर बौखलाया हुआ है। हालांकि रूस ने कहा कि ये टैंक सिर्फ महंगे हैं पर युद्ध के मैदान में हमारी सेना इन्हें नष्ट कर देगी।

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