नेपाल के PM प्रचंड मंत्रिमंडल में करेंगे फेरबदल! साथियों के समर्थन वापसी के बाद संकट में सरकार

Nepal Crisis: संसद में नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने सोमवार को प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन करने पर अनबन के बाद हिमालयी राष्ट्र राजनीतिक अस्थिरता के एक और दौर से गुजर रहा है।
नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड जल्द ही अपनी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं। सरकार से तीन राजनीतिक दलों के हटने के बाद प्रचंड अब खाली हुए 16 मंत्रालयों को भरने के लिए अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने की तैयारी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है।
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दरअसल, संसद में नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने सोमवार को प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन करने पर अनबन के बाद हिमालयी राष्ट्र राजनीतिक अस्थिरता के एक और दौर से गुजर रहा है।
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राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने भी सरकार का साथ छोड़ दिया है। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) ने भी अपने मंत्रियों को सरकार से समर्थन वापस लेने को कह दिया है। हालांकि, वह सरकार को बाहर से समर्थन देते रहेंगे। तीन प्रमुख दलों के सरकार से हटने के साथ ही सात दलों का सत्तारूढ़ गठबंधन बिखर गया है।
रिपोर्ट की मानें तो प्रचंड ने अब नेपाली कांग्रेस और छह अन्य दलों के साथ हाथ मिला लिया है। वे जल्द से जल्द एक नया सत्ता-साझाकरण समझौता तैयार करना चाहते हैं। जनमत पार्टी, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी पिछले गठबंधन का सथ छोड़कर अब नेपाली कांग्रेस और माओवादी केंद्र के नेतृत्व वाले नए गठबंधन में शामिल हो गए हैं। नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए आठ दलों के बीच शक्तियों को साझा करना कठिन चुनौती होगा।
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रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट विस्तार से गठबंधन को बरकरार रखने और 9 मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन हासिल करने के इरादे से प्रधानमंत्री मंगलवार से खाली कैबिनेट पदों को भरने के लिए चर्चा शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। नए गठबंधन के घटक सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के प्रवक्ता जगन्नाथ खातीवाड़ा ने कहा कि नए गठबंधन की बैठक तय होनी बाकी है। मुझे लगता है कि चर्चा कल से शुरू होगी। हमें उम्मीद नहीं थी कि यूएमएल इतनी जल्दी हट जाएगा। अब चीजें तेजी से आगे बढ़ सकती हैं।
पिछली कैबिनेट में जनमत पार्टी अपने नेताओं को मनचाहा मंत्रालय न मिलने से असंतुष्ट थी। जनता समाजवादी पार्टी मनचाहा मंत्रालय न मिलने पर सरकार से बाहर हो गई थी, जबकि नागरिक उन्मुक्ति पार्टी ने अपनी मांगों को पूरा न करने के कारण कैबिनेट में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
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275 सदस्यीय सदन में यूएमएल के 79 सांसद हैं, जबकि सीपीएन (माओवादी सेंटर) के 32 विधायक हैं। सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के 10 और आरएसपी के 20 सांसद हैं। संसद में जनमत पार्टी के छह, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के चार और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के तीन सांसद हैं। प्रचंड को प्रधानमंत्री के रूप में बरकरार रखने के लिए संसद में 138 वोटों की जरूरत है। तीन प्रमुख दलों नेपाली कांग्रेस (89), सीपीएन-माओवादी केंद्र (32) और आरएसपी (20) के साथ प्रचंड को कम से कम 141 सांसदों का समर्थन प्राप्त है।
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