नेपाली PM प्रचंड की बढ़ी मुश्किल, भारत की बजाय जाने वाले थे कतर, रद्द करनी पड़ी यात्रा, जानिए वजह

प्रचंड ने भारत की बजाय कतर की यात्रा को तरजीह दी। इससे पहले कि वे कतर दौरे पर जाते, उन्हें कतर का दौरा ही रद्द करना पड़ा। अपनी सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बीच पुष्प कमल दहल को यह यात्रा रद्द करना पड़ी है।
काठमांडू। नेपाली पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत की बजाय कतर को चुना। नेपाल में ऐसी परंपरा है कि जो भी प्रधानमंत्री बनता है वह अपनी पहली विदेश यात्रा भारत से ही शुरू करता है। लेकिन प्रचंड ने भारत की बजाय कतर की यात्रा को तरजीह दी। इससे पहले कि वे कतर दौरे पर जाते, उन्हें कतर का दौरा ही रद्द करना पड़ा। अपनी सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बीच पुष्प कमल दहल को यह यात्रा रद्द करना पड़ी है।
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पहले प्रचंड प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा था कि वह सबसे पहले भारत की यात्रा पर जाएंगे। कुछ दिनों पहले प्रचंड प्रशासन की ओर से कहा जा रहा था कि पहले विदेश दौरे के तौर पर प्रचंड ने भारत का चुनाव किया है, जल्द ही उनका शेड्यूल फाइनल किया जाएगा, लेकिन उन्होंने बाद में कतर यात्रा को चुना था, अब वह भी रद्द हो गई है।
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क्यों रद्दे हुई नेपाली पीएम प्रचंड की कतर यात्रा
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की कतर यात्रा देश में कुछ ‘महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यक्रमों’ के चलते रद्द कर दी गई है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। प्रचंड की सरकार पर मंडरा रहे खतरे और आगामी राष्ट्रपति चुनाव के बीच यह फैसला किया गया है। प्रचंड सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) के पांचवें सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए तीन मार्च को कतर रवाना होने वाले थे।
कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा होती। उन्होंने पिछले साल 26 दिसंबर को प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला था। प्रचंड के मीडिया समन्वयक सूर्य किरण शर्मा ने सोमवार को कहा, ‘प्रधानमंत्री का सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) के पांचवें सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कतर जाने का कार्यक्रम देश में कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यों के चलते रद्द कर दिया गया है।’
इससे पहले, रविवार को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रचंड के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) के पांचवें सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कतर जाएगा। प्रचंड के एक सहयोगी ने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री ने नौ मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर देश नहीं छोड़ने का फैसला किया है।
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विदेश मंत्री बिमला राय पौडयाल को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक उच्च-स्तरीय सत्र में हिस्सा लेने के लिए जिनेवा रवाना होने से कुछ घंटे पहले, प्रधानमंत्री प्रचंड ने उन्हें यात्रा रद्द करने को कहा। नेपाल के मीडिया की खबरों के अनुसार, प्रचंड के नेतृत्व वाली सीपीएन-माओवादी सेंटर सहित आठ राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति पद चुनाव के दौरान नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामचंद्र पौडयाल को समर्थन देने का निर्णय लिया है।
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