पाकिस्तान के लिए डिफॉल्ट के खतरे के बीच अच्छी खबर! फिर बचाने आ गया दोस्त चीन

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने बताया है कि उसके विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही चीन ने पाकिस्तान को और अधिक वित्तीय मदद का आश्वासन दिया है। चीन कुछ ही दिनों में पाकिस्तान को 50 करोड़ डॉलर का कर्ज देने वाला है। इस मदद से पाकिस्तान को IMF से लोन की पहली किस्त हासिल करने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली। राजनीतिक अस्थिरता और डिफॉल्ट के खतरों से जूझते पाकिस्तान के लिए राहत की खबर है। एक तरफ जहां उसके विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी देखी गई है तो दूसरी तरफ उसका करीबी दोस्त चीन उसे और अधिक कर्ज देने के लिए तैयार हो गया है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि 10 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में एक करोड़ 80 लाख डॉलर की वृद्धि हुई है।
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केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक हैंडआउट में कहा गया है कि इसका भंडार बढ़कर 4.319 अरब डॉलर हो गया है, जबकि देश के वाणिज्यिक बैंकों के पास फिलहाल 5.527 अरब डॉलर का विदेशी भंडार है। बैंक ने कहा कि देश के पास कुल विदेशी मुद्रा भंडार 9.846 अरब डॉलर है।
पाकिस्तान के इन्वेस्टमेंट फर्म आरिफ हबीब लिमिटेड ने अपनी गणना के हिसाब से बताया है कि इतने विदेशी मुद्रा में पाकिस्तान एक महीने तक विदेशी आयात कर पाएगा।
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मुश्किल वक्त में फिर मदद को आगे आया चीन
इसी बीच चीन के एक बैंक ने पाकिस्तान को और अधिक कर्ज देने का आश्वासन दिया है। द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि एक चीनी बैंक ने पाकिस्तान को आश्वासन दिया है कि वह अगले कुछ दिनों के भीतर उसे 50 करोड़ डॉलर का कर्ज देगा। पाकिस्तान को इस महीने चीन से कुल दो अरब डॉलर का कर्ज मिलने की उम्मीद है। अब तक पाकिस्तान को चीन की तरफ से 1.2 अरब डॉलर की कमर्शियल मदद मिली है। इस मदद के बाद पाकिस्तान को चीन की कुल मदद 1.7 अरब डॉलर हो जाएगी।
पाकिस्तान वित्त विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा, 'हमें चीन के एक कमर्शियल बैंक से 50 करोड़ डॉलर का कर्ज कुछ दिनों में मिलने वाला है।' पाकिस्तान ने चीन से यह भी अनुरोध किया है कि वो इस महीने उसे दो अरब डॉलर के सेफ डिपॉजिट पर रोलओवर प्रदान करे।
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IMF से नहीं बन पा रही बात
डिफॉल्ट के कगार पर खड़ा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज की पहली किस्त पर समझौता नहीं कर पा रहा है। दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत और पाकिस्तान द्वारा IMF की कड़ी शर्तों को मानने के बावजूद भी बात स्टाफ लेवल एग्रीमेंट पर आकर रुकी है।
IMF पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता को भी ध्यान में रख रहा है। पाकिस्तान में फिलहाल शहबाज शरीफ सरकार और विपक्षी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच जोरदार राजनीतिक लड़ाई चल रही है। हाल ही में भ्रष्टाचार के एक मामले में इमरान को गिरफ्तार करने आई पुलिस और उनके समर्थकों के बीच जबरदस्त हिंसक झड़प देखने को मिली जिससे पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान की छवि को झटका लगा है।
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मित्र देशों के आगे हाथ फैला रहा पाकिस्तान
पाकिस्तानी अधिकारी अपने मित्र देशों और अन्य कर्जदाताओं से मदद की सौ फीसदी गारंटी मांग रहे हैं। IMF ने पाकिस्तान से अलिखित तौर पर मांग की है कि वो कमर्शियल लोन के रिफाइनेंस के साथ-साथ IMF प्रोग्राम में शामिल होने के दौरान चीन से जमा राशि पर रोलओवर सुरक्षित करे, जिसकी अवधि इस साल जून 2023 में समाप्त होने वाली है।
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स्टाफ लेवल एग्रीमेंट तक पहुंचने के लिए जद्दोजहद कर रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान चीन से दो अरब डॉलर कमर्शियल लोन और सेफ डिपॉजिट की मांग इसलिए कर रहा है ताकि IMF के साथ स्टाफ लेवल एग्रीमेंट को अंजाम दिया जा सके। इसके बाद ही उसे बेलआउट पैकेज की पहली किस्त के रूप में 1.2 अरब डॉलर का लोन मिलेगा।
स्टाफ लेवल एग्रीमेंट तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान को IMF के कहे मुताबिक, जून 2023 तक सऊदी अरब, यूएई और कतर के साथ-साथ विश्व बैंक और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) से बाहरी वित्तपोषण जरूरतों को पूरा करने के लिए 6 अरब डॉलर लोन सुरक्षित कराने की जरूरत है।
Total liquid foreign #reserves held by the country stood at US$ 9.85 billion as of March 10, 2023.
— SBP (@StateBank_Pak) March 16, 2023
For details https://t.co/WpSgomnKT3 pic.twitter.com/oHyP6aBnM0
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आईएमएफ प्रोग्राम में पाकिस्तान बना रहे, इसके लिए उसे बाहरी कर्ज हासिल करने की गारंटी हासिल करनी बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को जून 2023 तक अपने विदेशी मुद्रा भंडार को 8-10 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया है।
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