इजरायल से जुड़ा सॉफ्टवेयर चला रहा भारत समेत 30 देशों में फेक सोशल मीडिया कैंपेन, रिपोर्ट में दावा

इजराइल की जासूसी फर्म की टीम पर दुनिया के 30 से अधिक देशों के चुनावों में दखल देने का आरोप है। रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली फर्म एक सॉफ्टवेयर के जरिए भारत समेत कई देशों में फेक सोशल मीडिया कैंपेन चला रहा है।
नई दिल्ली। भारत समेत दुनिया के 30 से ज्यादा देशों के चुनाव में दखल देने का आरोप इजराइल की जासूसी फर्म की टीम पर लगा है। बुधवार को सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली फर्म एक सॉफ्टवेयर के जरिए भारत समेत कई देशों में फेक सोशल मीडिया कैंपेन चला रहा है।
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ब्रिटेन के 'द गार्डियन' अखबार समेत एक पत्रकार संघ द्वारा अंतरराष्ट्रीय जांच में तथाकथित 'टीम जॉर्ज' को लेकर बड़े खुलासे किए गए हैं। इजराइली फर्म 'टीम जॉर्ज' पर आरोप है कि वह अपने ग्राहकों को एडवांस्ड इम्पैक्ट मीडिया सॉल्यूशन (Aims) नाम का सॉफ्टवेयर प्रोवाइड कराता है।
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इजरायल फोर्स का पूर्व अधिकारी होने का दावा
कहा जाता है कि यह यूनिट 50 वर्षीय पूर्व इजरायली स्पेशल फोर्स ऑपरेटिव ताल हनान द्वारा चलाई जाती है। यह शख्स अपने फेक नाम 'जॉर्ज' का इस्तेमाल करता है। टीम जॉर्ज पर हैकिंग, तोड़फोड़ और ऑनलाइन फर्जी खबरों को फैलाने का आरोप है। जब उनसे इस बारे में पूछताछ की गई तो हनान ने कहा कि वह कोई भी गलत काम नहीं करते हैं।
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कैसे काम करती है 'टीम जॉर्ज'
हाल ही में हुई जांच में 'टीम जॉर्ज' के लिए अंडरकवर फुटेज को तीन पत्रकारों द्वारा फिल्माया गया था, जिन्होंने संभावित ग्राहकों के रूप में यूनिट से संपर्क किया था। गुप्त रूप से रिकॉर्ड की गई छह घंटे से अधिक की बैठकों में हनान और उनकी टीम ने कथित तौर पर बताया कि कैसे वे विरोधियों की खुफिया जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं। इसमें जीमेल और टेलीग्राम अकाउंट्स तक पहुंचने के लिए हैकिंग तकनीकों का इस्तेमाल होता है। वह इसमें माहिर होने का दावा करता है।
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फ्रांस की संस्था जांच का हिस्सा
फ्रांस की गैर-लाभकारी संस्था फॉरबिडन स्टोरीज की व्यापक जांच का हिस्सा है। इस संस्था का मिशन मारे गए, धमकी दिए गए या जेल में बंद पत्रकारों के काम को आगे बढ़ाना है। ये जांच 55 वर्षीय पत्रकार गौरी लंकेश के काम से प्रेरित थी, जिन्हें 2017 में उनके बेंगलुरु के उनके घर में ही गोली मारी गई थी।
'द गार्जियन' ने नोट किया कि हत्या के कुछ घंटे पहले गौरी लंकेश "इन द एज ऑफ फाल्स न्यूज" नामक एक लेख को अंतिम रूप दे रही थीं, जिसमें जांच की गई थी कि कैसे देश में तथाकथित फेक इंफोर्मेशन फैलाई जा रही थी। गौरी लंकेश का ये लेख उनकी मौत के बाद प्रकाशित हुआ था, जिसमें उन्होंने लिखा था, “मैं उन सभी को सलाम करना चाहती हूं जो फर्जी खबरों का पर्दाफाश करते हैं। काश उनमें से और भी होते।
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बीते कई महीने से रखी गई थी नजर
अखबार की रिपोर्ट में बताया गया कि बीते साल कई महीनों में सॉफ्टवेयर के जरिए इंटरनेट पर नजर रखी गई थी और फेक सोशल मीडिया कैंपेन के पीछे उसका हाथ था, जिसमें यूके, यूएस, कनाडा, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, मैक्सिको, भारत, यूएई समेत 20 देशों के ज्यादातर व्यावसायिक विवाद शामिल थे। 'टीम जॉर्ज' की जांच करने वाले पत्रकारों के संघ में ले मोंडे, डेर स्पीगेल और एल पैस समेत दुनिया के 30 बड़े पत्रकार शामिल थे।
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