पाकिस्तान की IMF के सामने हर चाल नाकाम, यह शर्त माननी ही होगी, अब सऊदी अरब-चीन पर टिकींं सारी उम्मीदें

IMF Loan Pakistan: पाकिस्तान (Pakistan) इस समय बड़ी ही दुविधा में है। एक तरफ उसकी ही तरह आर्थिक संकट (Pakistan Economy Crisis) में फंसे श्रीलंका (Sri Lanka) को तो अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से मदद मिल गई है। मगर उसे कब कर्ज मिलेगा, इस बात की जानकारी खुद उसे नहीं है। आईएमएफ का अगला कदम क्या होगा और कैसे उसे मदद मिलेगी, सबकी नजरें बस इस पर ही टिकी हैं।
कराची। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) पाकिस्तान पर अगला फैसला क्या लेगा, इस पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नजरें टिकी हुई हैं। इस दुविधा के बीच ही आईएमएफ की तरफ से बड़ा बयान दिया गया है। आईएमएफ ने कहा है कि उसे वित्तीय आश्वासन चाहिए ताकि वह पाकिस्तान के लिए कोई कदम उठा सके। शुक्रवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संस्था की रणनीतिक कम्युनिकेशन की डायरेक्टर जूली कोजैक की तरफ से बड़ा बयान दिया गया है। पिछले दिनों श्रीलंका को आईएमएफ की तरफ से तीन अरब डॉलर के राहत पैकेज का ऐलान किया गया है। इसमें से 330 मिलियन डॉलर की तुरंत मदद की बात कही गई थी। यह खबर पाकिस्तान के लिए काफी परेशान करने वाली थी। पिछले तीन सालों से देश को आईएमएफ से मदद का इंतजार है।
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अपने नियमों से नहीं हटेगा आईएमएफ
पाकिस्तान को सऊदी अरब से इस वित्तीय मदद की काफी जरूरत है। मगर सऊदी के साथ उसकी वार्ता अटकी हुई है। साथ ही जो खेल चीन ने श्रीलंका के साथ खेला था, वही अब पाकिस्तान के साथ हो रहा है। कर्ज के पुर्नगठन पर वह टस से मस नहीं हो रहा है। कोई ऋण कोजैक ने मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, 'बाहरी साथियों की तरफ से सही समय पर मिला वित्तीय आश्वासन अथॉरिटीज की कोशिशों और पाकिस्तान के साथ रिव्यू को सफलतापूर्वक पूरा करने में सफलता सुनिश्चित करेगा।' उन्होंने कहा कि बाकी बिंदुओं के पूरा हो जाने के बाद ही स्टाफ लेवल एग्रीमेंट हो पाएगा। आईएमएफ के अधिकारियों की मानें तो वित्तीय आश्वासन आईएमएफ के प्रोग्राम का एक स्टैंडर्ड है और इसे मानना बहुत जरूरी है।
कोजैक ने कहा कि आईएमएफ को सह सुनिश्चित करना है कि जो भी वित्तीय भरोसा मिला है, वह अपनी जगह पर कायम है। इसके बाद ही पाकिस्तान के लिए कोई कदम लिया जा सकेगा। पाकिस्तान के साथ बातचीत की स्थिति पर, कोजैक के मुताबिक एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) के नौंवे रिव्यू को पूरा करने के बाद आईएमएफ कर्मचारियों और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच स्टाफ लेवल एग्रीमेंट पर चर्चा चल रही है।
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जरूरी उपायों को किया जाए लागू
कोजैक ने कहा कि अथॉरिटीज इस बात को लेकर प्रतिबद्ध हैं कि जरूरी उपायों को लागू किया जाए। अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और भरोसे को बहाल करने के लिए अथॉरिटीज ने निर्णयामक फैसलों को लागू करना शुरू कर दिया है। जबकि बाढ़ से जुड़ी जरूरतों को बेनजीर आय सहायता प्रोग्राम के जरिए सामाजिक सहायता को बढ़ाया जा रहा है। कोजैक ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि, उच्च मुद्रास्फीति और बड़ी वित्तीय जरूरतों सहित कई चुनौतियों का सामना कर रही है। निश्चित तौर पर इसका एक बड़ा कारण विनाशकारी बाढ़ भी है।
आईएमएफ की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान को डिफॉल्ट जोखिम और अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने डाउनग्रेड कर दिया है। साथ ही देश सितंबर 2022 में आई बाढ़ के बाद तबाही से निकलने की कोशिशों में भी लगा हुआ है। देश में जारी राजनीतिक संकट भी देश को एक बड़ी मुसीबत की तरफ धकेल रहे हैं।
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आईएमएफ के साथ वार्ता में जुटा पाकिस्तान
पाकिस्तान इस समय ईएफएफ की बहाली के लिए आईएमएफ से बातचीत कर रहा है। पिछले दो सालों से यह वार्ता रुकी हुई है। बेलआउट पैकेज को पुनरुद्धार को अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हाल के महीनों में डॉलर की गंभीर कमी से प्रभावित हुई है। देश का विदेशी मुद्राभंडार इस समय एतिहासिक तौर पर निचले स्तर पर है।
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