यूक्रेन ने रूसी हमले का दिया जवाब? नौसेना की जहाज को ड्रोन से बनाया निशाना

 
Russia-Ukraine War

यूक्रेन ने क्रीमिया और काला सागर में रूसी नौसैनिक अड्डों पर हमला किया। उनका दावा है कि विस्फोटक ले जाने वाला ड्रोन ने समुद्र में तैर रहे रूसी जहाज को टक्कर मार दी।

कीव। रूस-यूक्रेन युद्ध का अंजाम क्या होगा इस बारे में किसी को नहीं मालूम। दोनों देशों के बीच छिड़ी जंग के एक साल से भी ज्यादा वक्त हो गए हैं, मगर दोनों पक्षों की बीच सुलह की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है। एक तरफ रूस चाहता है कि वह यूक्रेन को तबाह करके ही छोड़ेगा वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन है कि वह रूस के समाने घुटने टेकने को तैयार नहीं। ऐसे स्थिति में दोनों के बीच जवाबी कार्रवाई हो रही है। हाल ही में रूस ने यूक्रेन को बंदरगाहों को निशाना बनाया था, जिसका जवाब यूक्रेन ने भी दे दिया है।

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यूक्रेन ने क्रीमिया और काला सागर में रूसी नौसैनिक अड्डों पर हमला किया। उनका दावा है कि विस्फोटक ले जाने वाला ड्रोन ने समुद्र में तैर रहे रूसी जहाज को टक्कर मार दी। रूस के मुताबिक, रूसी जहाज ने यूक्रेनी ड्रोन को लक्ष्य पर पहुंचने से पहले ही नष्ट कर दिया। हालांकि, यूक्रेन ने अपने हमले के सबूत के तौर पर एक वीडियो जारी किया। इसमें एक छोटी नाव को जहाज की ओर जाते हुए दिखाया गया है। ऐन वक्त पर नावनुमा ड्रोन का कैमरा बेकार हो गया। वीडियो में हलचल नजर आ रही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि रूस ने ड्रोन को नष्ट किया है या नहीं, या किसी जहाज से टक्कर के कारण हुए विस्फोट से ड्रोन नष्ट हो गया है।

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रूसी रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर कहा, ''इस दिन और रात को यूक्रेन के सशस्त्र बलों ने दो मानवरहित नावों की मदद से नोवोरोस्सिएस्क में रूसी नौसैनिक अड्डे पर हमला करने का प्रयास किया।'' रूसी बयान के मुताबिक, उनके जहाजों ने ड्रोन को नष्ट कर दिया। 

काला सागर पर नोवोरोस्सिएस्क का बंदरगाह व्यावसायिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इस टर्मिनस का उपयोग करके कजाकिस्तान का तेल रूस के माध्यम से निर्यात किया जाता है। मॉस्को की आधिकारिक प्रेस के सूत्रों के मुताबिक, ऊर्जा कंपनी 'कैस्पियन पाइपलाइन कंसोर्टियम' ने तेल निर्यात फिर से शुरू कर दिया है। हालांकि, ईंधन जहाजों के मार्ग को नियंत्रण में रखा गया है। इसके अलावा, नोवोरोस्सिय्स्क बंदरगाह पर एक अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है।

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क्यों महत्वपूर्ण है काला सागर रूट
रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से काला सागर में रूसी सैन्य ठिकानों पर कई बार हमले हुए हैं। हालांकि, हाल ही में हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है। तुर्की ने काला सागर मार्ग के माध्यम से सुरक्षित अनाज आयात और निर्यात की अनुमति देने के लिए रूस और यूक्रेन के बीच एक समझौता कराया। इस बात पर सहमति हुई कि भले ही दोनों देश युद्ध में हों, दुश्मन के जहाजों पर हमला नहीं किया जाएगा। जिस दिन डील साइन हुई उसके अगले ही दिन रूस ने यूक्रेन के बंदरगाहों पर हमला कर दिया। इसके बाद दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाने लगे। अंततः रूस इस समझौते से पीछे हट गया। इसके बाद काला सागर में हमलों की संख्या बढ़ गई। इसी हफ्ते की शुरुआत में इसी तरह का हमला किया गया था। पिछले शुक्रवार को रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि उसने क्रीमिया प्रायद्वीप में 13 यूक्रेनी ड्रोनों को नष्ट कर दिया है।

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रूस में बढ़ा रक्षा बजट
रूस-यूक्रेन युद्ध के खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। दोनों पक्ष एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। ऐसा पहले ही सुनने में आ रहा है कि रूस ने 2023 के बजट में रक्षा क्षेत्र का आवंटन लगभग दोगुना कर दिया है। जिसकी लागत 10,000 करोड़ से ज्यादा है। सार्वजनिक सेवा के सभी क्षेत्रों के आवंटन का एक तिहाई हिस्सा रक्षा में है। यूक्रेन में आक्रामकता का असर रूसी अर्थव्यवस्था पर तेजी से पड़ रहा है।

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