ईरान और सऊदी अरब में डील से अमेरिका भड़का, दौड़े-दौड़े पहुंचे CIA चीफ, सऊदी प्रिंस को जमकर सुनाया

 
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Saudi Arabia Iran China Deal US CIA: सऊदी अरब के अचानक से ईरान के साथ समझौता करने से अमेरिका भड़क गया है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ ने अचानक से सऊदी अरब का दौरा करके प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान को सुना दिया। अमेरिका ने कहा कि सऊदी अरब ने इस डील को लेकर अंधेरे में रखा।

 

वॉशिंगटन। सऊदी अरब और ईरान के विदेश मंत्रियों ने चीन में करीब 7 साल के बाद मुलाकात हुई है। इससे पहले चीन की मध्‍यस्‍थता से ही दो दुश्‍मन मुस्लिम देशों सऊदी अरब और ईरान के बीच समझौता हुआ था। चीन के बढ़ते प्रभाव और इजरायल के दुश्‍मन नंबर एक ईरान और खाड़ी देशों में अमेरिका के सबसे बड़े सहयोगी सऊदी अरब के बीच बढ़ती दोस्‍ती से बाइडन प्रशासन टेंशन में आ गया। सऊदी और ईरान की दोस्‍ती के बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ अचानक से पिछले सप्‍ताह रियाद पहुंच गए। उन्‍होंने सऊदी प्रिंस को जमकर सुना दिया।

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वॉल स्‍ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब और ईरान दोनों ही देश एक-दूसरे के बीच उड़ान सेवाओं को शुरू करने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा दोनों ही देशों की सरकारों और प्राइवेट सेक्‍टर के बीच यात्राओं को शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। इसके साथ ही खाड़ी देशों के दो दुश्‍मन मुल्‍कों के बीच संबंधों के नए दौर की शुरुआत हो गई है। दोनों देश अपने दूतावास को भी खोलने पर सहमत हो गए हैं। इससे पहले साल 2016 में सऊदी दूतावास पर हमले के बाद दोनों के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।

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सीआईए के चीफ विल‍ियम बर्न्‍स अचानक रियाद पहुंचे
सऊदी और ईरान की दोस्‍ती से घबराए अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ विल‍ियम बर्न्‍स ने पिछले सप्‍ताह रियाद का दौरा किया और अपनी हताशा को सऊदी अधिकारियों से व्‍यक्‍त किया। सीआईए चीफ ने सऊदी प्रिंस से कहा कि रियाद के तेहरान और सीरिया के साथ संबंध फिर से सुधारने से अमेरिका ठगा सा महसूस कर रहा है। वह भी तब जब ईरान पर पश्चिमी देशों ने कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। बताया जा रहा है कि न केवल ईरान बल्कि हूती विद्रोहियों से भी सऊदी अरब की बातचीत चल रही है जो यमन के एक बड़े हिस्‍से पर कब्‍जा कर चुके हैं और सऊदी सेना उनसे कई साल से जंग लड़ रही थी।

हूती विद्रोही कई बार सऊदी अरब के शहरों को निशाना बना चुके हैं जिसमें भारी नुकसान हुआ है। ईरान इन हूती विद्रोहियों को सैन्‍य और नैतिक मदद देता है। दोनों पक्ष अब सीजफायर को साल 2023 के अंत तक के लिए बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। ईरान के खिलाफ अमेरिका और इजरायल ने मोर्चा खोल रखा है। इजरायल को ईरानी मिसाइलों और ड्रोन हमलों का बड़ा खतरा है। सऊदी अरब और ईरान लंबे समय से क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी रहे हैं लेकिन पिछले महीने चीन की मध्यस्थता के बाद वे सुलह की ओर बढ़ रहे हैं। इस सुलह की प्रक्रिया पिछले महीने शुरू हुई थी।

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चीन के लिए खाड़ी में बड़ी कूटनीतिक जीत!
दोनों देशों के बीच प्रारंभिक सुलह समझौता मार्च में चीन की मध्यस्थता में हुआ था। माना जाता है कि यह समझौता चीन के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी क्योंकि खाड़ी के अरब देश देख रहे हैं कि अमेरिका धीरे-धीरे मध्य पूर्व से हट रहा है। इस बीच राजनयिक यमन में युद्ध को भी समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। यमन के संघर्ष में ईरान और सऊदी अरब भी शामिल हैं। बृहस्पतिवार की सुबह, सऊदी अरब के सरकारी टीवी चैनल अल-एखबरिया ने प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद और उनके ईरानी समकक्ष, हुसैन अमीरबदोलहियान को हाथ मिलाते हुए और अगल-बगल बैठे हुए दिखाया। ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने दूतावासों को फिर से खोलने के संबंध में चर्चा के लिए मुलाकात की।

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