कोरोना वैक्सीन से दिल का दौरा पड़ने या स्ट्रोक का बढ़ा खतरा? सवालों के जवाब मिले स्टडी में

 
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स्टडी के अनुसार कोविड-19 टीकों से दिल का दौरा पड़ने, स्ट्रोक, मायोकार्डिटिस (दिल की मांसपेशियों में सूजन की समस्या), पेरिकार्डिटिस और डीप वेन थ्रॉम्बोसिस जैसी बीमारियों का खतरा नहीं बढ़ा है।

 

लंदन। कोरोना रोधी वैक्सीन से लोगों में गंभीर बीमारियों का कोई खतरा नहीं पाया गया है। एक नई स्टडी में यह जानकारी सामने आई है। अध्ययन के अनुसार कोविड-19 टीकों से दिल का दौरा पड़ने, स्ट्रोक, मायोकार्डिटिस (दिल की मांसपेशियों में सूजन की समस्या), पेरिकार्डिटिस और डीप वेन थ्रॉम्बोसिस जैसी बीमारियों का खतरा नहीं बढ़ा है। ऐसे में इस तरह की अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।

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'पेरिकार्डिटिस' पेरिकार्डियम में होने वाली सूजन है। हमारे हृदय के बाहरी भाग में 2 परतों वाली एक द्रव से भरी थैली स्थित होती है, जिसे पेरिकार्डियम कहते हैं। इसका मुख्य कार्य हमारे हृदय को आराम देना, संक्रमण से दूर रखना होता है। अगर इन परतों में सूजन होती है, तो इसके चलते सीने में दर्द हो सकता है। 'डीप वेन थ्रॉम्बोसिस' एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में कहीं किसी एक नस के भीतर रक्त का थक्का बन जाता है।

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18 महीने तक चली स्टडी
'जर्नल वैक्सीन्स' में प्रकाशित अध्ययन में जनवरी 2021 से जुलाई 2022 तक 18 महीनों के लिए इटली के पेस्कारा प्रांत की पूरी आबादी की निगरानी की गई। इटली में बोलोग्ना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में टीम ने निवासियों के स्वास्थ्य आंकड़े एकत्र किए और हृदय रोग, पल्मोनरी एम्बोलिज्म व थ्रॉम्बोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का विश्लेषण किया।

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'पल्मोनरी एम्बोलिज्म' फेफड़े में एक रक्त का थक्का होता है और यह स्थिति तब पैदा होती है जब शरीर के किसी अन्य हिस्से में एक थक्का, जैसे हाथ या पैर, रक्तप्रवाह से होकर फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं में जमा हो जाता है। बोलोग्ना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर लैंबर्टो मंजोली ने कहा, 'अध्ययन के नतीजों से स्पष्ट है कि टीका लगवाने वालों में गंभीर बीमारियों का कोई खतरा नहीं था।' विश्लेषण से इस बात की भी पुष्टि हुई कि कोविड-19 से संक्रमित होने वाले जिन लोगों ने टीका लगवाया था, वे उन लोगों की तुलना में अधिक सुरक्षित थे जिन्होंने टीका नहीं लगवाया था।

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