चीन अमेरिका पर बौखलाकर ताइवान को घेरा, महायुद्धाभ्यास शुरू किया युद्धपोतों और विमानों के साथ

China Military Exercise: चीन ने ताइवान को घेरकर सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। इस अभ्यास में चीनी नौसेना के युद्धपोत, पनडुब्बी और लड़ाकू विमान शामिल हैं। चीन का उद्देश्य ताइवान की घेराबंदी कर दबाव बढ़ाना है, ताकि आगामी चुनावों को प्रभावित किया जा सके। ताइवान में जल्द ही राष्ट्रीय चुनाव प्रस्तावित है।
बीजिंग। अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया की शिखर वार्ता से बौखलाए चीन ने ताइवान को घेरकर सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। इस दौरान चीन के 45 विमानों ने ताइवानी हवाई सीमा का उल्लंघन भी किया है। चीन से इस कदम से दक्षिण चीन सागर में एक बार फिर से तनाव चरम पर पहुंच गया है। उधर, अमेरिका ने भी चीन के सैन्य अभ्यास को देखते हुए अपने कई जंगी जहाजों और टोही विमानों को दक्षिण चीन सागर में तैनात कर दिया है। चंद दिनों पहले ही चीन ने ताइवानी उपराष्ट्रपति विलियम लाई के पराग्वे यात्रा के दौरान अमेरिका में रुकने पर जमकर नाराजगी जताई थी। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान के स्व-शासित और लोकतांत्रिक द्वीप को अपने क्षेत्र के रूप में दावा करती है, भले ही उसने कभी इस पर नियंत्रण नहीं किया हो। ची ने बार-बार आवश्यकता पड़ने पर ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा करने की कसम खाई है।
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सैन्य अभ्यास पर चीन ने क्या कहा
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता शी यी ने कहा कि इस गश्त और अभ्यास का उद्देश्य युद्धपोतों और हवाई जहाजों के समन्वय और हवाई और समुद्री स्थानों पर नियंत्रण हासिल करने की उनकी क्षमता को प्रशिक्षित करना है। शी ने कहा कि यह अभ्यास चीनी सेना की वास्तविक युद्ध स्थितियों में लड़ने की क्षमता परीक्षण भी करेगा। शी ने कहा कि यह गश्त और सैन्य अभ्यास विदेशी तत्वों और उनके उकसावों के साथ ताइवान की स्वतंत्रता चाहने वाले अलगाववादियों के लिए एक कड़ी चेतावनी के रूप में काम करेगा।
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बाइडन के ऐक्शन पर बौखलाया है चीन
चीन का यह सैन्य अभ्यास तब हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन एक ऐतिहासिक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं की मेजबानी कर रहे हैं। यह शिखर सम्मेलन चीन को लेकर तीनों देशों की आपसी चिंता को लेकर हो रहा है। शुक्रवार को कैंप डेविड में बैठक में तीनों नेताओं ने सैन्य और आर्थिक सहयोग को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की और दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के खतरनाक और आक्रामक व्यवहार की निंदा की।
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ताइवान ने शांति और स्थिरता को बताया खतरा
शनिवार को चीन के ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास की घोषणा के बाद ताइपे में रक्षा मंत्रालय ने बीजिंग की निंदा की और कहा कि यह एक तर्कहीन और उत्तेजक व्यवहार है। ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह ताइवान की लोकतंत्र की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए जवाब में सेना भेजेगा। मंत्रालय ने कहा इस तरह के बहाने से सैन्य अभ्यास शुरू करना ताइवान जलडमरूमध्य की शांति और स्थिरता में मदद नहीं करता है, बल्कि (चीन की) सैन्यवादी मानसिकता को भी उजागर करता है। ताइवान ने यह भी कहा कि इस अभ्यास ने चीन की सैन्य विस्तार वाली दबंग प्रकृति को भी बेनकाब किया है।
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ताइवान ने मुंहतोड़ जवाब देने की खाई कसम
चीन ने हाल के महीनों में ताइवान पर सैन्य दबाव बढ़ा दिया है और नियमित आधार पर उसकी ओर युद्धक विमान और युद्धपोत भेज रहा है। ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में चीनी युद्धक विमानों की घुसपैठ लगभग रोज हो रही है। इस हवाई क्षेत्र को ताइवान ने खुद तैयार किया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी लगातार उत्पीड़न करके क्षेत्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा रही है। बयान में कहा गया है कि चीन की सेना की आक्रामकता के सामने ताइवान की राष्ट्रीय सेना के सभी अधिकारी और सैनिक लड़ने के लिए तैयार हैं। मंत्रालय ने कहा कि 'युद्ध के लिए तैयारी करना, युद्ध की तलाश न करना, युद्ध का जवाब देना, युद्ध से बचना नहीं' की दृढ़ इच्छाशक्ति को बनाए रखें और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की क्षमता, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास रखें।
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चीन ने अमेरिका को धमकाया
मंगलवार को चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने रूस में एक सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए ताइवान के मामले में आग से खेलने के खिलाफ चेतावनी दी। हालांकि अमेरिका का ताइवान के साथ कोई औपचारिक संबंध नहीं है, लेकिन यह उसके सबसे मजबूत अंतरराष्ट्रीय समर्थकों और हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने तो ताइवान पर हमले के हालात में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती का वादा भी किया है।
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