चीन गुहार लगाता रहे, फिर भी भारत को ही सबसे ज्‍यादा तेल देगा रूस, जानिए विशेषज्ञ ऐसा क्‍यों सोच रहे

 
Russia and india

Russia India Oil: यूक्रेन जंग (Russia Ukraine war) की वजह से भारत को जो सबसे बड़ा फायदा हुआ, वह था रूस की तरफ से सस्‍ते तेल की डील (Russia India Oil Deal)। चीन (China) भी रूस से तेल खरीद रहा है। मगर विशेषज्ञों की मानें तो चीन की तरफ से मांग बढ़ने के बाद भी रूस, भारत को ज्‍यादा से ज्‍यादा मात्रा में तेल निर्यात करता रहेगा।

 

मॉस्‍को। कमोडिटी फर्म केप्‍लर ने भारत और रूस की ऑयल डील पर एक बड़ी बात कही है। केप्‍लर ने कहा है कि भले ही चीन की तरफ से तेल की मांग में सुधार हुआ हो लेकिन इसके बावजूद रूस जितना तेल, भारत को बेच सकता है, उतना बेचेगा। भारत ने एक साल पहले तक रूस से तेल की खरीद ना के बराबर की थी। मगर रूस-यूक्रेन जंग के बाद जब अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए तो फिर भारत, एक बड़ा बाजार बन गया। फरवरी में भारत ने रूस से 1.85 मिलियन बैरल तेल खरीदा है। केप्‍लर के विक्‍टर काटोना की मानें तो यह आंकड़ा दो बिलियन बैरल प्रतिदिन तक पहुंच सकता है।

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चीन पूरा कर सकता है निर्यात
विक्‍टर की मानें तो यह बात सच है कि चीन, रूस का पूरा तेल निर्यात खरीद सकता है। चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी को पूरी तरह से खत्‍म कर दिया है। मगर इसके बाद भी रूस, भारत के बाजार को अपने पास रखना चाहता है। रूस मानता है कि भारतीय बाजार काफी आकर्षक है और इसके तेल व्‍यापारियों को बड़ा नियंत्रण कायम करने में मदद मिलेगी। अंतरराष्‍ट्रीय ऊर्जा संस्‍था की मानें तो पिछले महीने रूस ने 2.3 मिलियन बैरल तेल एक दिन में चीन को निर्यात किया था।

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चीन के बाद भी भारत अहम
इस साल चीन की तरफ से प्रतिदिन तेल की मांग नौ लाख बैरल तक बढ़ सकती है। महामारी के समय लगाई गई पाबंदियों को खत्‍म कर दिया गया है और अब चीन ज्‍यादा तेल आयात कर सकता है। चीनी रिफाइनरीज भी इस साल ज्‍यादा से ज्‍यादा तेल रूस से खरीदना चाहती हैं। उनके पास शिपिंग की भी क्षमता है। ऐसे में चीन, रूस को कंटेनर के जरिए तेल भेजकर उस आय से दूर करने की सोच रहा होगा जो भारत को तेल निर्यात से उसे हो रही है। विक्‍टर के मुताबिक भारत तक की यात्रा काफी छोटी है।

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भारत का प्‍लांट होने वाला है शुरू
एक टैंकर को रूस के पश्चिमी बंदरगाहों से भारत पहुंचने में औसतन 35 दिन लगते हैं जबकि चीन को 40 से 45 दिन। रूस के सबसे बड़े उत्पादक रोसनेफ्ट पीजेएससी की भी नायरा एनर्जी लिमिटेड में 49.13% की हिस्सेदारी है, जिसके पास भारत में दूसरी सबसे बड़ी सुविधा वाडिनार रिफाइनरी और संबंधित शिपिंग सुविधाएं हैं। कटोना ने कहा कि वाडिनार प्‍लांट ने इस महीने रूस से अपना पूरा कच्चा माल पहले ही ले लिया है।

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