चीन बन रहा दुनिया का दादा, अब फलस्तीन और इजरायल में दोस्ती कराने की तैयारी

 
xi ping

चीन इस समय दुनियाभर में दादा बनने की कोशिश कर रहा है। ईरान और सऊदी अरब में संवाद करवाने के बाद अब वह इजरायल और फलस्तीन में वार्ता कराने की कवायद में लगा है।

 

बीजिंग। चीन अब कई देशों के आपसी संबंधों में दखल देकर दुनिया का दादा बनने की कोशिश कर रहा है। वह खाड़ी देशों में अपनी पैठ बढ़ाकर अमेरिका को चुनौती देना चाहता है। अपने पड़ोसी देशों में अशांति का बीज बोने वाले चीन की विस्तारवादी नीति और अति महत्वाकांक्षा उसे 'दादागीरी' की ओर ले जा रही है। कुछ दिन पहले ही चीन ने ईरान और सऊदी अरब में दोस्ती करवाई थी। अब वह इजरायल और फलस्तीन में दोस्ती कराने की कवायद करने लगा है। चीन के विदेश मंत्री किन गैंग ने कहा है कि बीजिंग के दखल की बदौलत ईरान और सऊदी अरब करीब आए। अब इजरायल और फलस्तीन के समकक्ष नेता शांति वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं।

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किन गैंग ने फलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल मालिकी और उनके इजरायली समकक्ष एली कोहेन से फोन पर बात की। उन्होंने दोनों देशों में शांति वार्ता शुरू करने की बात कही। चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि वह पहले से ही इस काम में मदद करना चाहते थे। चीन वार्ता के लिए माहौल देने की कोशिश करेगा। 

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चीन के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी शिन्हुआ को बताया, चीन ने इजरायल और फलस्तीन दोनों को ही वार्ता के लिए प्रोत्साहित किया है। किन ने कोहने से कहा, सभी पक्षों को शांति स्थापित करने की कोसिश करनी चाहिए और एक दूसरे को उकसाना बंद करना चाहिए। दो देशों के बीच में समाधान ढूंढने और शांति वार्ता शुरू करने का केवल यही तरीका है। 

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बता दें कि इजरायल और फलस्तीन के बीच 2014 में वार्ता शुरू हिई थी। वहीं बीच में हुई हिंसा ने इसमें फिर से खलल डाल दिया। अब चीन का इस वार्ता के बीच यही स्वार्थ है कि वह दुनिया में खुद को शांति की स्थापना करने वाले देश के रूप में दिखाना चाहता है। इसकी आड़ में वह पड़ोसी देशों को परेशान करना चाहता है और अपनी विस्तारवादी नीति को आगे बढ़ाना चाहता है। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि इसमें उनका कोई स्वार्थ नहीं है। इस महीने के शुरुआत में दोनों ही देशों के विदेश मंत्री बीजिंग में मिले थे। ईरान ने सऊदी अरब में अपना दूतावास खोल दिया है। 

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