बाइडेन प्रशासन AI के खतरों से चिंतित, माइक्रोसॉफ्ट-गूगल के CEO को किया व्हाइट हाउस तलब

 
ai meeting

बैठक के बाद उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि व्हाइट हाउस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से संभावित नुकसान को कम करने के लिए नए नियमों या कानून का समर्थन करेगा और लोगों की गोपनीयता सुरक्षित रखेगा।

 

वाशिंगटन। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के बढ़ते दखल और उसकी विध्वंसक शक्ति के खतरों की आशंकाओं के बीच अमेरिक के जो बाइडेन प्रशासन ने तकनीकि क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ को गुरुवार को व्हाइट हाउस तलब किया। व्हाइट हाउस में बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला के साथ तकनीकि क्षेत्र समेत सरकारी क्षेत्र में AI को लागू करने से जुड़े नियमों और कानूनों पर चर्चा की और उस पर सरकार कैसे नियंत्रण रख सकती है, इस पर बातचीत की।

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व्हाइट हाउस की इस आपातकालीन बैठक में राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से अधिकारियों ने टेक दिग्गज कंपनियों के सीईओ को ये सलाह दी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लागू करने से पहले कंपनियां ये सुनिश्चित कर लें कि नई तकनीक उत्पाद हरेक पहलू के लिहाज से सुरक्षित हैं। बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों ने नीति निर्माताओं और सार्वजनिक बुद्धिजीवियों द्वारा एआई से उत्पन्न होने वाले उन खतरों और जोखिमों की चेतावनी पर भी चर्चा की, जिसने चैटजीपीटी की रातोंरात सफलता के बाद वैश्विक सुर्खियां बटोरीं हैं।

व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक की अध्यक्षता उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने की। बैठक में राष्ट्रपति बाइडेन के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ जेफ़ ज़ीएंट्स, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन, वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो और विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति निदेशक आरती प्रभाकर भी शामिल थीं। बैठक में प्रमुख स्टार्ट-अप OpenAI और एंथ्रोपिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी शामिल थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस बैठक में राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शरीक थे।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सत्या नडेला और सुंदर पिचाई सुबह 11 बजे के करीब व्हाइट हाउस पहुंच गए थे। हालांकि, उन दोनों सीईओ ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की। उधर, इस बैठक से पहले ही व्हाइट हाउस ने एआई उद्यमों को स्थापित करने के लिए 140 मिलियन डॉलर के नए निवेश की घोषणा कर दी थी। इस राशि से नेशनल साइंस फाउंडेशन को उन्नत बनाया जाएगा और सात नए राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च इंस्टीट्यूट स्थापित किए जाएंगे। इस फाउंडेशन का नेतृत्व चेन्नई में जन्मे सेथुरमन पंचनाथन कर रहे हैं।

बैठक के बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि व्हाइट हाउस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से संभावित नुकसान को कम करने के लिए नए नियमों या कानून का समर्थन करेगा। हैरिस ने बैठक में जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स द्वारा उत्पन्न चुनौतियों पर भी चर्चा की और कहा कि नागरिक अधिकारों और गोपनीयता की रक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने टेक दिग्गजों से मजबूत सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए सरकार के साथ काम करने पर भी जोर दिया।

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हैरिस ने एक बयान में कहा,"सरकार, निजी कंपनियां और समाज के अन्य लोगों को मिलकर इन चुनौतियों से निपटना होगा।" उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति बाइडेन और मैं अपने हिस्से का काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं - जिसमें संभावित नए नियमों को आगे बढ़ाना और नए कानून का समर्थन करना शामिल है - ताकि हर कोई तकनीकी नवाचारों से सुरक्षित रूप से लाभान्वित हो सके।"

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