बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को मिल रहा एक्स्ट्रा सिक्योरिटी कवर हटाया

बांग्लादेश ने भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के उच्चायुक्त को एक्सट्रा सिक्योरिटी कवर दिया हुआ था, जिसे वहां की सरकार ने हटाने का फैसला किया है। इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए बांग्लादेश ने कहा है कि वह उनके देश के करदाताओं के पैसे को इस तरह खर्च नहीं कर सकते हैं।
नई दिल्ली। बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त को मिल रहे एक्स्ट्रा सिक्योरिटी कवर को हटाने का फैसला लिया गया है। भारत के अलावा तीन और देशों को ये सुविधा मिली थी। उन तीन देशों से भी इसे वापस ले लिया गया है। सिक्योरिटी वापस लेते हुए बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ। एके अब्दुल मोमन ने बताया कि इस तरह की सुविधा देने के लिए वह अपने देश के करदाताओं के पैसे खर्च नहीं करेंगे।
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बता दें कि राजदूतों को दी जाने वाली यह सुविधा भारत के अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के दूतों को दी गई थी। इसके तहत शहर में कहीं भी जाने पर उन्हें सिक्योरिटी गियर से लैस पुलिसकर्मी मिलते थे, जो वैन के साथ ही चलते थे।
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ढाका में हुए हमले में मारे गए थे 20 लोग
इस सुरक्षा की व्यवस्था 1 जुलाई 2016 को ढाका की एक पॉश होटल में हमले के बाद की गई थी, इस आतंकी हमले के बाद राजनयिकों के लिए सख्त चौकसी की व्यवस्था की गई थी। हमले में 20 लोग मारे गए थे, जिनमें एक भारतीय लड़की सहित 17 विदेशी शामिल थे। हमले में मारे गए ज्यादातर लोग जापान और इटली से थे।
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सामान्य सुरक्षा मिलती रहेगी
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एक राजनयिक सुरक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिन राजदूतों और उचायुक्तों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल दिया गया था। उसे वापस ले लिया गया। हालांकि, उन्हें उतनी सिक्योरिटी अब भी दी जाएगी, जितनी दूसरे राजदूतों और राजनयिकों को दी जाती है।
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दूसरे देश भी कर रहे थे सुरक्षा की मांग
दरअसल, श्रीलंका सरकार का मानना है कि मौजूदा दौर में अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने की जरूरत नहीं है। जिन राजदूतों को अतिरिक्त सुरक्षा दी गई थी, उनके अलावा दूसरे राजनयिक भी उस तरह की सुरक्षा की मांग कर रहे थे। इसलिए किसी भी देश के विदेशी राजदूत को अतिरिक्त सुरक्षा एस्कॉर्ट सेवाएं नहीं देने का फैसला लिया गया है।
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विशेष सुरक्षा के लिए करना होगा भुगतान
उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी देश को अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत महसूस होती है तो वह किराए पर सेवा ले सकता है। पुलिस ने बताया कि एक सप्ताह पहले विदेश मंत्रालय के जरिए एक पत्र के जरिए इस फैसले की सूचना दूतावासों को दे दी गई थी। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पैरा-मिलिट्री (अंसार बल) की एक स्पेशल यूनिट को भुगतान होने पर वीआईपी सुरक्षा सेवा प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। विदेशी मिशन चाहें तो उन्हें नियुक्त कर सकते हैं।
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