एवलांच आया माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप में, 3 शेरपा लापता, जानिए ये सफर कितना मुश्किल भरा होता है

 
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माउंट एवरेस्ट के सबसे खतरनाक हिस्से में एवलांच के दौरान तीन शेरपा गहरी खाई में गिरकर लापता हो गए। हिमालयन रेस्क्यू एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि उनके जीवित बचने की संभावना बहुत कम है। लापता हुए शेरपा पांच से छह मीटर नीचे दबे हुए हैं।

 

नई दिल्ली। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के सबसे खतरनाक हिस्से में एवलांच के दौरान गहरी खाई में गिर जाने से तीन नेपाली शेरपा गाइड लापता हो गए। नेपाल के अधिकारियों ने बताया कि यह घटनी कैंप 1 और माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप के बीच हुई, जब शेरपा गाइड अभियान के लिए रसद ले जा रहे थे। 

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काठमांडू पोस्ट न्यूज पेपर के मुताबिक, 25 शेरपाओं की एक टीम बुधवार की तड़के बर्फीली चोटी खुम्बू के ऊपर चढ़ाई कर रही थी। तभी 50 मीटर से ज्यादा विशाल हिमखंड पहाड़ से नीचे गिर गया, जिसकी चपेट में आकर तीन शेरपा लापता हो गए। लापता शेरपाओं की पहचान थेमवा तेनजिंग शेरपा, लकपा रीता शेरपा और बदुरे शेरपा के रूप में की गई है। 

रिपोर्ट में हिमालयन रेस्क्यू एसोसिएशन के एवरेस्ट बेस कैंप समन्वयक लक्पा नोरबू शेरपा के हवाले से कहा गया है कि लापता पर्वतारोहियों के जीवित मिलने की संभावना बहुत कम है। शेरपा ने कहा कि वे पांच से छह मीटर नीचे दबे हुए हैं। आगे हिमस्खलन के जोखिम के कारण एक खोज अभियान शुरू करना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि वे दरारों में गिर गए। वे एवरेस्ट के सबसे खतरनाक हिस्से खुम्बू आइसफॉल में बर्फ के ढेर के नीचे दबे हुए हैं।  

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रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रयास जारी 
रिपोर्ट के मुताबिक, पर्यटन विभाग के एक अधिकारी बिग्यान कोइराला ने कहा कि बचाव के प्रयास जारी हैं। उनके रेस्क्यू के लिए एक हेलिकॉप्टर ने क्षेत्र में तीन चक्कर लगाए। कोइराला ने कहा कि रेस्क्यू टीम रेको डिटेक्टर और हिमस्खलन ट्रांसीवर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल बर्फ के नीचे दबे लोगों की तलाश और पता लगाने के लिए करेगी। 

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करीब 5500 मीटर में फैला है खुम्बू
दरअसल खुम्बू आइसफॉल करीब एक किलोमीटर की एक बर्फ नदी की तरह है। आमतौर पर रात या सुबह-सुबह होने वाली इस आइसफॉल को पर्वतारोही हेडलैंप के का उपयोग करके पार करते हैं। यहां तक कि अनुभवी शेरपा भी सूरज चमकने पर आगे निकलने से हिचकिचाते हैं। ये आइसफॉल 5500 मीटर से 5800 मीटर तक फैला हुआ है और एवरेस्ट बेस कैंप से ठीक ऊपर स्थित है।  

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साल 2015 में आया था 7.8 तीव्रता का भूकंप
अप्रैल 2015 में माउंट एवरेस्ट पर 7.8 तीव्रता के एक भूकंप ने हिमस्खलन की शुरुआत की, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई, जो पहाड़ पर रिकॉर्ड की गई सबसे घातक घटना थी। इससे पहले 18 अप्रैल, 2014 को एक एवलांच में 16 शेरपा गाइडों की मौत हो गई थी, इनमें से 13 शव बरामद कर लिए गए थे, जबकि तीन शवों को बरामद नहीं किया जा सका।

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