क्या एक दूसरे के रिश्तेदार है दुनिया के सभी नीली आंख वाले? रिसर्च में खुलासा, बताया एक ही आदमी के वंशज!

यूनिवर्सिटी ऑफ कोपनहेगन (University of Copenhagen) में हुई एक रिसर्च के मुताबिक दुनिया में जितने भी नीली आंखों वाले लोग हैं, वो एक दूसरे से जुड़े (Blue eye people ancestor of 1 person) हैं। रिसर्च में संभावना लगाई गई है कि वो एक दूसरे के रिश्तेदार हैं।
नई दिल्ली। जब भी इंसान की खूबसूरती और उसके सुंदर लुक्स की बात चलती है तो सबसे पहली विशेषता जो ध्यान में आती है, वो है नीली आंखें। ऑकलैंड आई और मिसिसिपी आई केयर वेबसाइट की रिपोर्ट्स के अनुसार दुनिया में सिर्फ 8-10 फीसदी लोगों की आंखों का रंग नीला (Blue eyes research) होता है। अगर आपकी आंखें भी नीले रंग की हैं तो समझ जाइए कि आप उन कुछ बेहद खास और चुनिंदा लोगों में से हैं जिनकी आंखों का रंग हल्का होता है। पर हाल ही में डेनमार्क में हुई एक रिसर्च ने नीली आंखों वालों को लेकर एक रिसर्च की है, जिसने आंख के एक बड़े राज़ से पर्दा उठा दिया है।
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डेली स्टार न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ कोपनहेगन (University of Copenhagen) में हुई एक रिसर्च के मुताबिक दुनिया में जितने भी नीली आंखों वाले लोग हैं, वो एक दूसरे से जुड़े (Blue eye people ancestor of 1 person) हैं। रिसर्च में संभावना लगाई गई है कि वो एक दूसरे के रिश्तेदार हैं। इसका कारण ये बताया गया है कि आज के वक्त में दुनिया के जितने नीली आंखों वाले लोग हैं, वो एक ही आदमी के वंशज हैं जो 6 हजार से 10 हजार साल पहले इस धरती पर पैदा हुआ होगा।
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कैसे हो जाती हैं नीली आंखें?
आंखों का रंग इंसानों के जीन्स पर निर्भर करता है। आंख की पुतली के आगे जो लेयर होती है, उसमें मौजूद मेलनिन का अमाउंट भी इस रंग को तय करता है। दुनियाभर में रहने वाले लाखों नीली आंखों वाले लोगों के अंदर HERC2 जीन पाए जाते हैं। ये जीन OCA2 जीन को ब्लॉक कर देता है, जो हर किसी की आंखों में होता है। इस वजह से आंख का रंग नीला हो जाता है। OCA2 जीन तय करता है कि आंखों में भूरा रंग कितना ज्यादा होगा। इसके ब्लॉक हो जाने की वजह से ही आंख का रंग हल्का हो जाता है।
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एक ही व्यक्ति से आगे की पीढ़ी में पास हुई नीली आंखें
वैज्ञानिकों ने पाया कि HERC2 जीन एक जेनरेशन से दूसरे जेनरेशन में पास होती जाती है, जिस वजह से ये आज के लोगों में भी मौजूद है। पर चौंकाने वाली बात ये है कि वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ये एक ही व्यक्ति से अगले जेनरेशन में पास हो रही है। अगर नीली आंख वाले अपनी वंशावली को देखेंगे, तो पाएंगे कि वो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। पहले के रिसर्चर्स का मानना था कि अगर माता-पिता दोनों की नीली आंखें हैं, तो बच्चे की भूरी आंखें नहीं हो सकतीं। पर अब रिसर्च में दावा किया गया है कि नीली आंखों वाले माता-पिता के भूरी आंख वाले बच्चे भी हो सकते हैं।
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