Afghanistan Taliban Rules: गरीबी-भुखमरी से त्रस्त लोगों की मदद को चलाए गए UN मिशन में तालिबान का बैन बड़ी बाधा

 
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Afghanistan News: अफगानिस्तान में गरीबी और भुखमरी से आमजन बेहाल हैं। वहां बीमारियों से बचाव और खाद्य राशन बांटने के लिए UN का मिशन चल रहा है, लेकिन तालिबानी हुकूमत की पाबंदियों से उसमें बाधा आ रही है।

 

नई दिल्ली। Afghanistan Taliban Ban: इस्लामिक मुल्क अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत (Taliban Rules) ने महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं। प्रतिबंधों के चलते महिला कर्मचारी काम पर नहीं जा पा रहीं, और इसका असर वहां जनकल्याण योजनाओं पर भी पड़ रहा है। अस्पतालों में नर्सेस की किल्लत है, इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र (UN) के सहायता अभियानों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों की आजादी भी छिन गई है।

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संयुक्त राष्ट्र की ओर से कई दफा तालिबानी हुकूमत को महिलाओं के विरुद्ध लगाए गए प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए कहा गया है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। अब खबर आई है कि संयुक्त राष्ट्र ने अफगान कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा है। अफगानिस्तान के पजवोक अफगान न्यूज की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई, जिसमें बताया गया है कि तालिबान शासन ने एक महीने पहले संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली महिलाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था, और बीते शुक्रवार यानी कि 5 मई को संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि "जमीन पर हमारी सिचुएशन में कोई बदलाव नहीं आया है"। यानी तालिबान की पाबंदियां अभी भी लगी हुई हैं।

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'अफगान लोगों की जरूरतें बहुत अधिक, हम कर रहे मदद'
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र के मिशन की ओर से कहा गया था कि वे अपने कार्यों की समीक्षा करेंगे और 5 मई तक अफगान कर्मचारियों को घर पर रखेंगे। फरहान हक ने न्यूयॉर्क में मीडिया से बातचीत में कहा, "हम उपयुक्त कार्य पद्धतियों पर निर्णय लेने के लिए काम कर रहे हैं। जाहिर है, हमारे सामने एक चुनौती है क्योंकि अफगान लोगों की जरूरतें बहुत अधिक हैं, और हम उन जरूरतों को पूरा करने का इरादा रखते हैं, लेकिन साथ ही, हमारे संचालन स्पष्ट रूप से बाधित हो चुके हैं, क्योंकि तालिबान ने पाबंदियां लगा रखी हैं।"

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अफगान महिलाओं पर प्रतिबंध में छूट सीमित: हक 
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता हक ने कहा कि अफगान लोगों के लिए आने वाला समय बेहद कठिन है। इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र के सहायता-बल वहां लोगों की मदद के लिए तत्पर हैं। हक ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहायता कार्य जारी है जहां संयुक्त राष्ट्र अफगान महिलाओं पर प्रतिबंध में कुछ सीमित छूट प्राप्त करने में सक्षम रहा है। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि संयुक्त राष्ट्र की कुछ एजेंसियां एक अलग दृष्टिकोण ले सकती हैं। हक ने कहा, "मेरा मानना है कि सहायता के प्रावधान के बारे में विभिन्न एजेंसियों के पास अलग-अलग अधिकार हैं और इसलिए उनके पास स्थिति को संभालने के अलग-अलग तरीके हैं।"

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UN महासचिव ने कहा- हमें सभी कर्मचारियों की जरूरत
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हाल ही में कहा था कि सहायता कार्यों के लिए फंड की कमी चिंता की बड़ी वजह बनी हुई है और वहां (अफगानिस्तान में) पाबंदियों ने मुसीबतें और बढ़ा दी हैं। गुटेरेस ने अफगानिस्तान के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की ओर से रहने और प्रसव कराने की संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता को दोहराया। उनके बयान में कहा गया कि हमारे सहायता मिशन को कुशलतापूर्वक और इसे प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र को अपने सभी कर्मियों, महिलाओं और पुरुषों की जरूरत है, जो वहां कम्युनिटी सेंटर्स पर और संयुक्त राष्ट्र कार्यालयों में काम कर सकें।

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संयुक्त राष्ट्र से जुड़े हैं 3,300 अफगान कर्मचारी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के पास 3,300 अफगान कर्मचारी हैं, जिनमें से लगभग 400 महिलाएँ हैं। ऐसा बताया जाता है कि अफगानिस्तान में सहायता मिशनों में 600 अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारी भी हैं, तालिबानी हुकूमत का दावा है कि वो कर्मचारी उनके प्रतिबंधों से प्रभावित नहीं हैं।

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