'ISIS की दुल्हन' मरियम राद कौन है? ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट से मिली जमानत

 
mariam rad

31 वर्षीय मरियम अपने देश लौटने से पहले सीरिया में अल रोज नाम के एक विस्थापित व्यक्तियों के शिविर में रह रही थी। माना जाता है कि उसका पति जहाब की सीरिया में 2018 में एक हवाई हमले के दौरान मौत हो गई थी।

 

कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने शुक्रवार को मरियम राद को सशर्त जमानत दे दी। मरियम राद को आतंकी संगठन 'इस्लामिक स्टेट (ISIS) की दुल्हन' भी कहा जाता है। दरअसल मरियम का पति ISIS में शामिल था। अपने पति के साथ रहने के लिए मरियम ने सीरिया के क्षेत्रों में प्रवेश किया था और वहां लंबे समय तक रही भी थी। आतंकी कृत्यों में शामिल होने के आरोपों के चलते ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने मरियम को गिरफ्तार किया था। 

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द ऑस्ट्रेलियन की रिपोर्ट के मुताबिक, राद को फिलहाल कोर्ट से जमानत मिल गई है। लेकिन उस पर विस्फोटकों, हथियारों, एंटी-सर्विलांस, एग्जीक्यूशन, आतंकवादी हमलों, आतंकवादी संगठनों या सशस्त्र संघर्षों से संबंधित किसी भी सामग्री तक पहुंचने व उसे बांटने पर बैन लगा दिया है। 

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पुलिस ने गुरुवार को 31 वर्षीय मरियम राद को यह कहते हुए गिरफ्तार किया था कि वह स्वेच्छा से अपने पति के पास जाने के लिए सीरिया गई थी। पति के पास जाते समय वह इस बात से पूरी तरह वाकिफ थी कि वह आईएसआईएस का एक सक्रिय सदस्य था। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने आरोप लगाया कि वह 2014 की शुरुआत में अपने पति मुहम्मद जहाब से जुड़ने के लिए सीरिया गई थी।

मरियम का पति आईएस में शामिल होने के लिए एक साल पहले यानी 2013 में ऑस्ट्रेलिया छोड़कर भाग गया था। राद को गुरुवार को एनएसडब्ल्यू के यंग शहर में उसके घर पर पुलिस की छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। द ऑस्ट्रेलियन की रिपोर्ट के अनुसार, 16 अन्य महिलाओं के साथ वापस लौटने के तीन महीने बाद ही मरियम की गिरफ्तारी हुई।

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31 वर्षीय मरियम अपने देश लौटने से पहले सीरिया में अल रोज नाम के एक विस्थापित व्यक्तियों के शिविर में रह रही थी। माना जाता है कि उसका पति जहाब की सीरिया में 2018 में एक हवाई हमले के दौरान मौत हो गई थी। राद पर क्रिमिनल कोड के विपरीत घोषित क्षेत्रों में प्रवेश करने या रहने का आरोप लगा है। फिलहाल अदालत ने कई सख्त शर्तों के साथ उसे जमानत दे दी। अब वह किसी भी ऐसे व्यक्ति से संपर्क नहीं कर सकती है जो किसी आतंकवादी संगठन से जुड़ा हो।

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अदालत ने 31 वर्षीय मरियम को आदेश दिया कि वह कोई आग्नेयास्त्र, प्रतिबंधित हथियार या ऐसी कोई सामग्री हासिल न करे जिसका इस्तेमाल हथियार या विस्फोटक बनाने के लिए किया जा सके। उसे सप्ताह में एक बार अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन को रिपोर्ट भी करना होगा। साथ ही वह किसी भी तरह से देश छोड़कर नहीं जा सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, उसका पासपोर्ट अधिकारियों को सौंप दिया गया है। 

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बता दें कि इससे पहले, फरवरी 2021 में यूनाइटेड किंगडम के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि "ISIS दुल्हन" शमीमा बेगम वापस अपनी ब्रिटेन की नागरिकता हासिल करने की अपील के लिए देश नहीं आ सकती है। वह 15 साल की थी जब 2015 में वह सीरिया में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने के लिए दो स्कूली दोस्तों के साथ ब्रिटेन से चली गई थी। उत्तरी सीरियाई शरणार्थी शिविर में खोजे जाने पर 19 फरवरी, 2019 को तत्कालीन गृह सचिव साजिद जाविद द्वारा उसकी ब्रिटिश नागरिकता छीन ली गई थी। 

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