तुर्की: नमाज पढ़ने के लिए ड्राइवर ने नहीं रोकी बस, मच गया बवाल

 
namaaz

तुर्की में नमाज पढ़ने के लिए बस नहीं रोकने पर घमासान मचा हुआ है। ईरान की सीमा से एजियन तट की ओर जा रही बस के चालक ने बीच रास्ते में नमाज पढ़ने के लिए बस रोकने से इनकार कर दिया। जिसके बाद तुर्की में एक बार फिर धर्मनिरपेक्षता को लेकर बहस छिड़ गई है।

नई दिल्ली। तुर्की के राष्ट्रपति रेचपे तैय्यप अर्दोआन देश में इस्लामिक मूल्यों को बढ़ावा देने की बात करते रहे हैं। एर्दोआन की इस मुहिम के बीच, तुर्की में एक बस चालक के नमाज पढ़ने के लिए बस नहीं रोकने पर घमासान मचा हुआ है। द गार्जियन के अनुसार, एक बस चालक ने नमाज पढ़ने के लिए बस रोकने से इनकार कर दिया था जिसके बाद यात्री ने ट्विटर पर इसकी शिकायत की।

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शिकायत को लेकर कंपनी की ओर से दी गई सफाई से देश में धर्मनिरपेक्षता को लेकर बहस छिड़ गई है।

ट्रैवल फर्म Oz Ercis ने यात्री की शिकायत पर सफाई देते हुए कहा है कि कोई भी नागरिक तुर्की के संविधान में मिले अधिकारों का इस्तेमाल देश के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का उल्लंघन करने के लिए नहीं कर सकता है। कंपनी का यह बयान वायरल होते ही तुर्की में एक बार फिर से धर्मनिरपेक्षता को लेकर चर्चा तेज है। 

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तुर्की एक मात्र ऐसा देश है जो मुस्लिम बहुल होते हुए भी धर्मनिरपेक्ष है। लेकिन रेचेप तैय्यप अर्दोआन के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही वह तुर्की को इस्लामिक देश बनाने की राह पर हैं। अर्दोआन हमेशा इस्लाम और मु्स्लिमों के अधिकार को धर्मनिरपेक्षता के ऊपर रखते हैं। अर्दोआन के शासनकाल में ही साल 2020 में तुर्की में धर्मनिरपेक्षता की मिसाल रहे हागिया सोफिया म्यूजियम को मस्जिद में बदलने का फैसला लिया गया था।

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कंपनी ने क्या कहा?
ट्रैवल फर्म Oz Ercis के वकील Tuncay Keserci ने कहा है कि बस ईरान की सीमा के पास वैन क्षेत्र से पश्चिमी तुर्की के एजियन तट की ओर जा रही थी। इस सफर को तय करने में 24 घंटे से अधिक समय लगते हैं। वकील ने कहा कि, "हमें जानबूझकर निशाना बनाते हुए धर्मनिरपेक्षता के विवाद में घसीटा जा रहा है। हम सभी की भावनाओं और मान्यताओं का सम्मान करते हैं।"

कंपनी का कहना है कि इस्लाम हमें इतनी छूट देता है कि हम अपने हिसाब से नमाज पढ़ने के समय और उसकी अवधि में बदलाव कर सकें। वकील ने सफाई देते हुए कहा है कि हमें एक प्रोपेगैंडा के तहत टारगेट किया जा रहा है कि हम लोगों को नमाज पढ़ने से रोक रहे थे। जबकि यात्री उस वक्त नमाज पढ़ सकता था जब बस एक सराय के पास रुकी थी। कंपनी का कहना है कि धर्मनिरपेक्ष का अर्थ यह नहीं है कि हम धार्मिक नहीं है। धर्मनिरपेक्षता में मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा भी आती है।

ट्रैवल फर्म ने अपने बयान में यह भी कहा है कि यह संभव नहीं है कि अन्य यात्री जो समय पर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचना चाहते हैं, उन्हें अनदेखा करते हुए किसी एक व्यक्ति के नमाज पढ़ने के लिए बस को बीच सफर में रोका जाए। 

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प्रशंसा और आलोचना दोनों का शिकार हो रही कंपनी 
ट्रैवल कंपनी के इस कदम पर तुर्की के लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है। धर्मनिरपेक्षता का समर्थन करने वाले लोगों ने जहां कंपनी के इस कदम की सराहना की है। वहीं, विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि वे दोबारा इस कंपनी के साथ यात्रा नहीं करेंगे।

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