संकटों से घिरे पाकिस्तान को अब बड़ा झटका मिलने वाला है अमेरिका से!

अमेरिकी संसद में पाकिस्तान के खिलाफ एक बिल पेश किया गया है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को देखते हुए एक सांसद ने मांग की है कि पाकिस्तान का प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का ओहदा उससे वापस ले लिया जाए। साथ ही बिल में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान के आतंकवाद से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के देखते हुए हर साल एक सर्टिफिकेट जारी करें।
नई दिल्ली। पाकिस्तान पर संकटों का पहाड़ टूट पड़ा है। आर्थिक बदहाली से परेशान पाकिस्तान के मित्र देश भी उसे मदद देने से हिचक रहे हैं। अब अमेरिका की तरफ से भी पाकिस्तान के लिए एक बुरी खबर है। अमेरिकी संसद के लोअर हाउस ( US House of Representatives) में पाकिस्तान के खिलाफ एक बिल पेश किया गया है जो उसे प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के ओहदे से हटाने की बात करता है। इस बिल में कहा गया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति को हर साल गैर-नाटो सहयोगी के दर्जे को जारी रखने के लिए कुछ शर्तों के साथ पाकिस्तान को एक सर्टिफिकेट जारी करना होगा।
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अमेरिकी संसद में ये बिल (HR 80) कांग्रेसी एंडी बिग्स ने पेश किया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिल को फिलहाल आवश्यक कार्रवाई के लिए विदेश मामलों के मंत्रालय कमिटी के पास भेजा गया है। इसके बाद बिल को अमेरिकी सदन और सीनेट में पारित होने के लिए पेश किया जाएगा। अगर दोनों हाउस से बिल पास हो जाता है तो कानून पर हस्ताक्षर के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के पास इसे भेजा जाएगा।
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आम तौर पर अमेरिकी संसद में ऐसे बिल पास नहीं हो पाते। लेकिन मौजूदा विधेयक यह दिखाता है कि अमेरिकी सांसद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर उससे बेहद नाराज हैं।
बिल में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के ओहदे पर बना रहे, इसके लिए हर साल अमेरिकी राष्ट्रपति को कुछ शर्तों के साथ एक सर्टिफिकेट जारी करना होगा। पाकिस्तान ने हाल के दिनों मे हक्कानी नेटवर्क के वरिष्ठ नेताओं और उनके गुर्गों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने में तेजी दिखाई है। उसने हक्कानी नेटवर्क को किसी भी पाकिस्तानी क्षेत्र को सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी जताई है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदम को देखते हुए ही सर्टिफिकेट जारी करेंगे।
पाकिस्तान के लिए संसद में बिल पास होना और राष्ट्रपति द्वारा सर्टिफिकेट जारी करना- दोनों ही स्थितियां एक बड़ी चुनौती साबित होगी क्योंकि अमेरिका में कई लोग हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शाखा मानते हैं।
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यह बिल अमेरिकी राष्ट्रपति से एक सर्टिफिकेशन यह भी चाहता है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के साथ-साथ हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने के लिए अफगानिस्तान के साथ सक्रिय रूप से काम करता है या नहीं।
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