तालिबान की पाकिस्तान से और बढ़ी तकरार, अब ने दी ये चेतावनी

पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) लगातार आतंकी हमला कर रहा है। इसी को लेकर पाकिस्तान के गृह मंत्री ने चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में मौजूद टीटीपी के ठिकानों पर मिलिट्री ऑपरेशन चला सकता है। वहीं, अब अफगानी तालिबान ने पाकिस्तान पर पलटवार किया है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह की चेतावनी के बाद तालिबान ने मंगलवार को पाकिस्तान पर पलटवार किया है। इस्लामिक समूह तालिबान ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि वह देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए तैयार है।
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तालिबान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान में टीटीपी के लगातार आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने धमकी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान टीटीपी के ठिकानों पर मिलिट्री ऑपरेशन चला सकता है।
TOLOnews के अनुसार, तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान की ओर से की गई टिप्पणी को "भड़काऊ और निराधार" करार दिया है। तालिबानी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी मुद्दे या समस्या को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। तालिबान ने यह भी कहा कि इस तरह के आरोप दोनों देशों के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचाते हैं।
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पाकिस्तान का उड़ाया मजाक
पाकिस्तान के गृह मंत्री सनाउल्लाह की चेतावनी के बाद तालिबान ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए ईस्ट पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) के चीफ मार्शल लॉ एडमिनिस्ट्रेशन और पाकिस्तानी सेना कमांडर के बीच हुए सरेंडर दस्तावेज दस्तखत करते हुए तस्वीर को ट्वीट किया था। यह तस्वीर 1971 की है जब अमीर अब्दुल्ला खां नियाजी ने भारत के सामने सरेंडर किया था।
तालिबान ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर पाकिस्तान अफगानिस्तान पर हमला करता है तो उसका अंजाम 1971 युद्ध की तरह ही होगा। तालिबान के शीर्ष नेता अहमद यासिर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पाकिस्तान को एक और युद्ध में हार से बचने के लिए अफगानिस्तान से दूर रहना चाहिए।
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पाक-अफगान बॉर्डर पर झड़प
स्पिन बोल्डक चमन बॉर्डर पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों में कई बार झड़प हो चुकी है। अफगानिस्तान ने चमन बॉर्डर पर नागरिक आबादी पर अंधाधुंध फायरिंग की है। दिसंबर में हुई हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
पाकिस्तान के अनुसार, तालिबानी लड़ाकों ने पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में घनी बस्तियों को अपने रडार पर रखा है।
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टीटीपी की मौजूदगी को किया खारिज
तालिबान ने पाकिस्तानी मंत्री की ओर से लगाए गए अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की मौजूदगी के आरोप को खारिज कर दिया है। तालिबान ने पाकिस्तान से 'आधारहीन बातचीत और उत्तेजक विचारों' से बचने के लिए कहा है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बयान जारी करते हुए कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है और इस लक्ष्य को हासिल करने के सभी तरीकों में विश्वास करता है।
बयान में तालिबान ने कहा कि यह बेहद ही निराशजनक है कि पाकिस्तानी अधिकारी अफगानिस्तान के बारे में गलत बयान दे रहे हैं। तालिबान ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान पूरी कोशिश कर रहा है पाकिस्तान या किसी अन्य देश के खिलाफ अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल न हो।
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पाकिस्तान भी अपनी जिम्मेदारी तय करे
तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं, लेकिन पाकिस्तान की भी जिम्मेदारी है कि वो इस परिस्थिति को हल करें। इसके लिए जरूरी है कि पाकिस्तान आधारहीन बातचीत और उकसाने वाले विचार को त्यागे। क्योंकि संदेह का भाव किसी भी पक्ष के हित में नहीं है।
अफगानिस्तान में तालिबान के दुबारा सत्ता में वापस आने के बाद से ही अफगानिस्तान में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं। इन घटनाओं के पीछे टीटीपी का हाथ बताया जा रहा है। पाकिस्तान का आरोप है कि टीटीपी के साथ दोस्ताना संबंध है और टीटीपी को रोकने के लिए तालिबान कुछ नहीं कर रहा है।
पाकिस्तान के गृह मंत्री ने कहा था, हम सबसे पहले अफगानिस्तान से इन ठिकानों को खत्म करने और इन व्यक्तियों को हमें सौंपने के लिए कह रहे हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो पाकिस्तान इन ठिकानों को निशाना बनाएगा।
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तालिबान और टीटीपी में क्या है संबंध
तालिबान ने पिछले साल ही अगस्त में दोबारा अफगानिस्तानी सत्ता पर कब्जा कर लिया था। टीटीपी एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन है और तालिबान से संबंध रखता है। नवंबर 2022 में अफगान तालिबान संघर्षविराम को खत्म करने की घोषणा के बाद से टीटीपी ने पाकिस्तान में हमले तेज कर दिए हैं।
इस्लामाबाद स्थित एक थिंक-टैंक ने टीटीपी के उदय को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। पिछले एक दशक की तुलना करें तो साल 2022 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है।
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सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) की ओर से शनिवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने विभिन्न हमलों के दौरान कम से कम 282 जवानों को खो दिया है। इनमें से सबसे ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की मौत पाक-अफगान बॉर्डर पर हुई है।
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