Russia Ukraine War: यूक्रेन सिग्नल ट्रेस कर अटैक कर रहा, 400 सैनिकों को मारने का दावा, जानिए पूरा मामला...

नई दिल्ली। यूक्रेनी सेना ने नए साल के मौके पर 400 रूसी सैनिकों को मार गिराने का दावा किया। यूक्रेन ने डोनटेस्क इलाके में एक स्कूल पर हमला किया था जहां बड़ी संख्या में रूसी सैनिक मौजूद थे। यूक्रेन ने बताया कि रूसी सैनिक मोबाइल चला रहे थे। जिनके नेटवर्क सिग्नल की वजह से उनकी लोकेशन में बारे में पता चला। हालांकि, रूस ने कहा कि हमले में उसके 89 जवान ही मारे गए थे। लेकिन यह बात मानी कि उनकी लोकेशन की जानकारी मोबाइल सिग्नल की वजह से लीक हुई। दरअसल, रूस ने जंग की शुरूआत से ही अपने सैनिकों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर रोक लगाई हुई है। इसके बवाजूद महीनों से परिवार से दूर रह रहे रूसी सैनिक घर बात करने के लिए मोबाइल चला रहे हैं और अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं।
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एनवाईटी के मुताबिक रूसी सैनिकों के साथ किए इंटरव्यू और यूक्रेन के फोन कॉल इंटरसेप्ट से सामने आया है कि रूसी कमांडर जंग के मैदान में अपने फोन बंद रखते हैं। जंग से पहले जब रूसी सैनिकों की तैनाती बेलारूस में की गई तभी उनके फोन ले लिए गए थे। हालांकि, सैनिक किसी न किसी तरीके से मोबाइल फोन का जुगाड़ कर ही लेते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया है कि रूसी सैनिकों ने युद्ध में मारे गए यूक्रेनियों के भी फोन चुराए हैं। ताकि वो अपने घरों में बात कर सकें। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ रूसी सैनिकों को इस बात पर शक होता है कि उनकी कॉल दुश्मन ट्रेस कर रहा है। इसलिए वो या तो संभल कर बात करते हैं या फिर अपने लोकेशन को फोन पर डिस्कस नहीं करते हैं। हालांकि, सैनिकों ये पता नहीं था कि उनके फोन कॉल रिसीव करते ही या केवल उसके डेटा से ही उनकी लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।
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तो वहीं, रूसी स्टेट मीडिया के मुताबिक नए साल पर हुए हमलों में मारे गए ज्यादातर सैनिक वो थे, जिनकी हाल ही में नई भर्ती हुई थी। ये नए सैनिक लगातार मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं जिससे यूक्रेन की सेना इनकी लोकेशन ट्रैक कर लेती हैं। सैनिकों की लोकेशन का पता लगने से रूस को जंग में काफी खामियाजा उठाना पड़ रहा है। रूस के एक मिलिट्री ब्लॉगर के मुताबिक मोबाइल फोन को सिर्फ बहाने के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। ताकि इतनी मौतों की जिम्मेदारी सैनिकों के ही सिर पर ही डाल दी जाए। उसका मानना है कि रूसी कमांडरों ने बहुत सारे सैनिकों को एक साथ रखा था। इसकी जानकारी लीक हो गई। जिससे यूक्रेन की तरफ से हुए अटैक में इतने सैनिक मारे गए।
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न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक यूक्रेन युद्ध में लगातार मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर बहस चल रही है। फरवरी में जब जंग शुरू हुई तो रूसी सैनिक मोबाइल फोन का खूब इस्तेमाल कर रहे थे। वो अपने घरों में फोन कर रहे थे, टिकटॉक पर वीडियो बना रहे थे। जिससे यूक्रेन को उनकी लोकेशन की जानकारियां मिल जाती थी। इसका नतीजा यह हुआ था कि जंग लड़ रहे सैनिकों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर रूस ने बैन लगा दिया था। हालांकि 1 जनवरी को हुई घटना से पता चलता है कि रूसी सैनिक बैन को ठीक से लागू नहीं कर रहे हैं। हमले के बाद रूस की सेना ने बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है यह बिल्कुल साफ है कि हमले की मुख्य वजह बैन के बावजूद सैनिकों का दुश्मन की रेंज में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना था।
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