अब अमेरिका से तंगहाल पाकिस्तान को आस, IMF लोन में मदद चाह रहा; बनाया प्लान

सरकार कम व्यय के प्रस्तावों को अंतिम रूप दे रही है क्योंकि इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से और सहायता मिलने की अपेक्षा है लेकिन सरकार उसकी शर्तों को लागू करने में हिचकिचा रही है।
इस्लामाबाद। आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान अब मदद के लिए अमेरिका की ओर देख रहा है। खबर है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF के कर्ज को आसान बनाने के लिए अमेरिका से अपील की है। दरअसल, पाकिस्तान को इस बात की फिक्र है कि अगर वह IMF से कर्ज लेता है, तो पहले ही महंगाई की मार झेल रहे मुल्क में चीजों के दाम बढ़ जाएंगे।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार को एक बैठक के दौरान पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने अमेरिका प्रतिनिधिमंडल के सामने अपनी बात रखी। पाकिस्तान चाहता है कि अमेरिका IMF को मनाए कि पाकिस्तान के खिलाफ रवैया थोड़ा सहज रखे। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल को बाढ़ और अन्य समस्याओं को भी समझना होगा।
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क्या है पाकिस्तान का प्लान
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से गठित नेशनल ऑस्टेरिटी कमेटी की सिफारिशों के बाद पाकिस्तान कई उपायों पर विचार कर रहा है। इनमें नेचुरल गैस और इलेक्ट्रिसिटी की कीमतों में इजाफा, सैन्य और नौकरशाहों को दिए गए प्लाटों की वसूली, सांसदों की सैलरी में 15 फीसदी की कमी, प्रीपेड गैस और इलेक्ट्रिसिटी मीटर का इस्तेमाल, सैलरी के साथ मिलने वाले भत्तों को खत्म करना, हर स्तर पर पेट्रोल का इस्तेमाल 30 प्रतिशत कम करना, विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध, लग्जरी वाहन खरीदने पर रोक शामिल हैं।
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भाषा के अनुसार, इन विचारों पर बुधवार देर शाम तक निर्णय ले लिया जाएगा और समिति इसकी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को भेज देगी। सरकार कम व्यय के प्रस्तावों को अंतिम रूप दे रही है क्योंकि इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से और सहायता मिलने की अपेक्षा है लेकिन सरकार उसकी शर्तों को लागू करने में हिचकिचा रही है।
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