बस चंद घंटे पहले पता चली प्रेग्नेंसी और 23 साल की लड़की ने दिया बच्चे को जन्म!

एक लड़की को कुछ दिनों से थकान और कमजोरी महसूस हो रही थी। जब वह डॉक्टर के पास गई तो वहां पता चला कि वह प्रेग्नेंट है। प्रेग्नेंसी का पता लगने के मात्र 48 घंटे के अंदर ही उसने बच्चे को जन्म दिया क्योंकि उसे प्रीक्लेम्पसिया हाई ब्लड प्रेशर संबंधित डिसऑर्डर था।
नई दिल्ली। प्रेग्नेंसी के कुछ महीने बाद किसी भी महिला का वजन और पेट का साइज बढ़ने लगता है। पेट का साइज बच्चे की ग्रोथ पर निर्भर करता है। जैसे-जैसे बच्चे की ग्रोथ होती है, वैसे-वैसे मां के पेट का आकार भी बढ़ जाता है। लेकिन हाल ही में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है जिसमें एक लड़की को थकान महसूस हुई और वह डॉक्टर के पास गई। जांच होने के 48 घंटे बाद ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया। इस बात की जानकारी लड़की के ब्वॉयफ्रेंड ने इंटरव्यू के दौरान दी।
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क्या है पूरा मामला
द मिरर के मुताबिक, यह मामला संयुक्त राज्य अमेरिका का है जहां एक कपल अचानक से शॉक हो गया। कपल का बच्चा प्रेग्नेंसी रिपोर्ट आने के 48 घंटे बाद पैदा हो गया। दरअसल, 23 साल की पेटन स्टोवर (Peyton Stover) अमेरिका की रहने वाली हैं और वह अभी ओमाहा में टीचर हैं। उन्हें कुछ समय से थकान और कमजोरी महसूस हो रही थी। इन लक्षणों को उन्होंने ड्यूटी के कारण होने वाला तनाव माना और डॉक्टर के पास गईं।
स्टोवर के ब्वॉयफ्रेंड तविस कोएस्टर्स (Tavis Koesters) ने इंटरव्यू के दौरान बताया, "डॉक्टर्स ने देखा कि उसके पैरों में सूजन है और अन्य लक्षण भी हैं तो डॉक्टर ने उसकी जांच की। रिपोर्ट में पता चला कि वह प्रेग्नेंट है। इसके बाद कन्फर्म करने के लिए एक बार फिर से टेस्ट किया तो पूरी तरह कन्फर्म हो गया कि वह गर्भवती है। कुछ घंटों बाद जब स्टोवर की किडनी और लिवर ने सही काम करना बंद किया तो उसे फिर हॉस्पिटल लाया गया और कुछ ही घंटों में उसने एक बच्चे को जन्म दे दिया। स्टोवर ने सी-सेक्शन से बेटे को जन्म दिया और उसका वजन सिर्फ 4 पाउंड था। बाद में डॉक्टर्स ने खुलासा किया था कि स्टोवर को प्रीक्लेम्पसिया था जो कि प्रेग्नेंसी से जुड़ी एक समस्या है।"
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क्या है प्रीक्लेम्पसिया (What is preeclampsia)
प्रीक्लेम्पसिया हाई ब्लड प्रेशर संबंधित डिसऑर्डर है जो प्रेग्नेंसी के दौरान हो सकता है। यह प्रेग्नेंसी के 20 हफ्ते बाद शुरू हो सकते हैं। अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी के समय हाई ब्लड प्रेशर होता है तो उन्हें प्रीक्लेम्पसिया का जोखिम अधिक होता है। अगर इस कंडिशन का इलाज ना किया जाए तो मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा भी हो सकता है।
इस कंडिशन में अक्सर बच्चे की जल्दी डिलीवरी की सलाह दी जाती है। प्रसव का समय इस बात पर निर्भर करता है कि प्रीक्लेम्पसिया कितना गंभीर है और महिला को कितने माह का गर्भ है। प्रसव से पहले प्रीक्लेम्पसिया के इलाज में ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए कई सावधानी बरती जाती हैं और दवाएं भी दी जाती हैं। प्रीक्लेम्पसिया बच्चे के जन्म के बाद भी विकसित हो सकता है जो एक ऐसी स्थिति जिसे पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया (Postpartum preeclampsia) कहते हैं।
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प्रीक्लेम्पसिया के लक्षण
प्रीक्लेम्पसिया के लक्षण महिला की हेल्थ और हाई ब्लड प्रेशर के साथ सामने आते हैं। जैसे
- यूरिन में अधिक प्रोटीन आना
- किडनी की समस्या आना
- खून में प्लेटलेट्स कम होना
- लिवर समस्या होना
- गंभीर सिरदर्द होना
- देखने में मुश्किल होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
- उलटी अथवा मितली आना
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान किसी को भी हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो तो तुरंत किसी एक्सपर्ट से मिलना चाहिए।
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