ईरान सऊदी अरब पर बड़े हमले की तैयारी में, खुफिया रिपोर्ट में दावा; अलर्ट पर अमेरिकी सेना

 
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ईरान अगले कुछ दिनों में सऊदी अरब पर कोई बड़ा हमला कर सकता है। एक खुफिया रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। संभावित हमले की जानकारी मिलने के बाद घाटी में मौजूद अमेरिका की सेना हाई अलर्ट पर है।

 

वॉशिंगटन। सऊदी अरब ने अमेरिका को चेताया है कि ईरान एक बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। ईरान के निशाने पर सऊदी अरब है। ईरान द्वारा खुफिया जानकारी साझा करने के बाद अमेरिका की खाड़ी देशों में तैनात अमेरिका की सेना को सर्तक कर दिया गया है। इस खुफिया रिपोर्ट की पुष्टि अमेरिका और सऊदी के अधिकारियों ने की है। अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि खुफिया जानकारी मिलने के बाद सऊदी अरब, अमेरिका और कई अन्य पड़ोसी देशों ने अपने सैन्य बलों के लिए सतर्कता का स्तर बढ़ा दिया है।

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पेंटागन ने कहा- हमें अपनी रक्षा और बचाव का अधिकार
पेंटागन के प्रेस सचिव, ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर से सऊदी द्वारा साझा की गई खुफिया रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी सैन्य अधिकारी घाटी के क्षेत्र में खतरे की स्थिति के बारे में चिंतित हैं। खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जल्‍द ही या अगले 48 घंटों में सऊदी में बड़ा हमला हो सकता है। राइडर ने कहा, 'हम अपने भागीदारों के साथ नियमित संपर्क में हैं। इस संदर्भ में जरूरी जानकारी उनके साथ साझा हो रही है। हमने पहले कहा है और मैं इसे दोहराऊंगा, वो यह कि हमें अपनी रक्षा और बचाव का अधिकार है। चाहे हमारी सेना इराक में हो या कहीं और सेवा कर रही हो, हमला हुआ तो उसका माकूल जवाब दिया जाएगा।'

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ईरान क्‍यों कर रहा सऊदी पर हमले की तैयारी?
सऊदी अरब की ओर से खुफिया जानकारी की पुष्टि तो हो गई है। हालांकि, इस रिपोर्ट को साझा नहीं किया गया है। अधिकारियों ने ये नहीं बताया कि आखिर पूरी रिपोर्ट कहती क्‍या है? ईरान के हालात इस समय ठीक नहीं हैं। पिछले कई महीनों से वहां हिजाब को लेकर महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इस प्रदर्शन के दौरान कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। सऊदी अरब के अधिकारियों का कहना है कि देश में चल रहे भारी प्रदर्शन से लोगों का ध्‍यान हटाने के लिए ईरान सऊदी और इराक को निशाना बनाने की तैयारी कर रहा है।

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सितंबर में ईरान ने इराक पर किया था हमला
सितंबर के अंत में ईरान ने दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइल और आर्म्ड ड्रोन के जरिए उत्तरी इराक पर हमला किया है। एक ड्रोन को अमेरिकी युद्धक विमान ने मार गिराया था, क्योंकि वह अरबील शहर की ओर बढ़ रहा था जहां अमेरिकी सेना का बेस है। ईरानी अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से सऊदी अरब पर अमेरिका और इज़रायल के साथ देश में प्रदर्शनों को भड़काने का आरोप लगाया है। पिछले महीने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर ने सऊदी अरब को विरोध प्रदर्शन की टीवी कवरेज पर लगाम लगाने के लिए चेतावनी दी थी।

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...तो ईरान पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई!
बता दें कि ईरान ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ जारी जंग के दौरान सैकड़ों ड्रोन और तकनीकी सहायता दी है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन इसकी निंदा भी कर चुके है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने एक बयान में कहा कि हम इस संभावित खतरे को लेकर चिंतित हैं। हम सऊदी के साथ सैन्य और खुफिया चैनलों के माध्यम से लगातार संपर्क में हैं। हम क्षेत्र में अपने हितों और भागीदारों की रक्षा में कार्य करने में संकोच नहीं करेंगे। ऐसे में अगर ईरान कोई हमला करता है, तो उसके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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2019 में सऊदी के तेल डिपो पर हुआ था हमला
बता दें कि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सबसे पहले मंगलवार को सऊदी द्वारा खुफिया जानकारी साझा करने की सूचना दी। अमेरिका और सऊदी ने साल 2019 में ईरान पर पूर्वी सऊदी अरब में एक बड़े हमले के पीछे होने का आरोप लगाया था। इस हमले ने ने तेल-समृद्ध साम्राज्य के उत्पादन को आधा कर दिया और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि हुई। हालांकि, ईरानियों ने इस हमले के पीछे उनका हाथ होने से साफ इनकार किया था। इसके पहले भी ईरान पर सऊदी में हमले के करने के आरोप लगते रहे हैं।

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गौरतलब है कि हाल के हफ्तों में बाइडन प्रशासन ने ईरानी सुरक्षा बलों की हिरासत में रहते हुए सितंबर में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों के क्रूर व्यवहार के लिए ईरानी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका ने यूक्रेन में अपने युद्ध में उपयोग के लिए रूस को ड्रोन देने के लिए ईरान को चेतावनी भी दी है। ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के समूह के मुताबिक, विरोध प्रदर्शनों के दौरान अब तक 270 लोग मारे गए हैं और 14,000 गिरफ्तार किए गए हैं। हालांकि, इसके बावजूद प्रदर्शन जारी है।

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