Hijab Controversy ईरान से पहुंची UN : अमेरिकी न्यूज एंकर का हिजाब पहनने से इनकार, ईरानी राष्ट्रपति ने रखी थी सिर ढंककर इंटरव्यू लेने की शर्त

 
Hijab Controversy

ईरान का हिजाब विवाद अब अमेरिका के यूएन तक पहुंच गया है। हिजाब विवाद पर मुंह छुपाती फिरती नजर आई ईरान सरकार। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने महिला पत्रकारों को न्यूयॉर्क में इंटरव्यू देने से इनकार कर दिया। 

नई दिल्ली। Hijab Controversy in Iran : ईरान में 16 सितंबर से शुरू हुआ हिजाब विवाद बढ़ता जा रहा है। ताजा मामले में न्यूयॉर्क में एक टीवी एंकर ने हिजाब पहनने से इनकार कर दिया। दरअसल, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का न्यूज चैनल CNN के साथ एक इंटरव्यू होने वाला था। उन्होंने एंकर के सामने हिजाब पहनकर इंटरव्यू लेने की शर्त रख दी। एंकर ने ऐसा करने से मना कर दिया।

ईरानी प्रेसिडेंट रईसी संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी UNGA मीटिंग में शामिल होने के लिए इन दिनों न्यूयॉर्क में हैं। इस दौरान 21 सितंबर को इंटरनेशनल न्यूज चैनल CNN में एंकर क्रिस्टीन एमनपोर के साथ उनका इंटरव्यू होना था। राष्ट्रपति इब्राहिम ने क्रिस्टीन से कहा था कि वो हिजाब पहनकर उनका इंटरव्यू लें। क्रिस्टीन ने राष्ट्रपति की इस बात से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा- यहां हिजाब पहनने का कोई नियम नहीं है। यही वजह रही की इंटरव्यू नहीं हो पाया।

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क्रिस्टीन ईरान के राष्ट्रपति का इंटरव्यू लेने के लिए तैयार बैठी थीं। लेकिन उन्होंने हिजाब पहनने से मना कर दिया था। इससे नाराज ईरानी राष्ट्रपति रईसी इंटरव्यू के लिए पहुंचे ही नहीं।

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ईरानी नागरिक है एंकर क्रिस्टीन
एंकर क्रिस्टीन एमनपोर ईरानी हैं। वो तेहरान में पली-बढ़ी हैं। राष्ट्रपति के हिजाब पहनकर इंटरव्यू लेने वाली बात पर क्रिस्टीन ने कहा- जब मैं ईरान में रिपोर्टिंग करती थी तो वहां के कानून और रीति-रिवाजों का पालन करने के लिए हिजाब पहनती थी। अब एक ऐसे देश में हूं जहां इंटरव्यू के लिए हिजाब पहनने का कोई नियम नहीं है। मैं किसी भी ईरानी अधिकारी के साथ इंटरव्यू के लिए हिजाब नहीं पहनूंगी। 1995 के बाद से मैंने कई लोगों का इंटरव्यू लिया, लेकिन किसी ने हिजाब पहनने के लिए नहीं कहा।

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हिजाब के खिलाफ विरोध अस्वीकार्य
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन को उपद्रव फैलाने वाला बताया है। उन्होंने कहा- ईरान में अभिव्यक्ति की आजादी है लेकिन इस तरह से विरोध करना अस्वीकार्य है।

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ईरान में वैसे तो हिजाब को 1979 में मेंडेटरी किया गया था, लेकिन 15 अगस्त 2022 को प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी ने एक ऑर्डर पर साइन किए। इसमें हिजाब को ड्रेस कोड के तौर पर सख्ती से लागू करने को कहा गया।

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ईरान में हो रहे हिजाब विरोधी प्रदर्शन
ईरान में हिजाब के खिलाफ जारी प्रदर्शन 15 शहरों तक फैल गया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें भी हो रही हैं। आंदोलन कर रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाईं। 6 दिन में मरने वालों की तादाद 31 हो गई है। सैकड़ों लोग घायल हैं। हजारों लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

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पुलिस कस्टडी में युवती की मौत के बाद शुरू हुए प्रदर्शन
ईरान पुलिस ने 13 सितंबर को महसा अमिनी नाम की युवती को हिजाब नहीं पहनने के लिए गिरफ्तार किया था। तीन दिन बाद, यानी 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमिनी गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही कोमा में चली गई थी। उसे अस्पताल ले जाया गया। रिपोर्ट्स में कहा गया कि अमिनी की मौत सिर पर चोट लगने से हुई। 

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महिलाओं के साथ पुरुष भी प्रदर्शन में शामिल हैं। ईरान की एक पत्रकार ने यह तस्वीर पोस्ट की। उनके मुताबिक, पुलिस ने आंदोलनकारियों पर पैलेट गन चलाई।

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महिलाओं ने विरोध में अपने बाल काटे, हिजाब जलाए
महसा अमिनी की मौत और हिजाब मेंडेटरी होने का विरोध जताते हुए कई महिलाओं ने अपने बाल काट लिए। इतना ही नहीं हिजाब भी जला दिए। इसके सपोर्ट में एक महिला पत्रकार ने वीडियो के साथ लिखा- ईरान की महिलाएं पुलिस कस्टडी में 22 साल की महसा अमिनी की मौत और हिजाब पहनना मेंडेटरी होने का विरोध ऐसे ही बाल काट कर और हिजाब जला कर दिखा रही हैं। 

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हिजाब की वजह से क्यों मारी जाएं महिलाएं
प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं की मांग है कि हिजाब को अनिवार्य की जगह वैकल्पिक किया जाए। उनका कहना है कि हिजाब की वजह से वे क्यों मारी जाएं। 

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