मुस्लिमों के पवित्र शहरों मक्का-मदीना के रेगिस्तान में आई हरियाली, कयामत पर सच हो रही पैगंबर की भविष्यवाणी!

Saudi Arabia Mecca Turn Green: सऊदी अरब के दो पवित्र शहरों मक्का और मदीना के चारों ओर हर तरफ हरियाली दिखाई पड़ रही है। आलम यह है कि ऊंट और अन्य जीव यहां घास चरते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसे जहां जलवायु परिवर्तन से जोड़कर देख रहे हैं तो कई लोग इसे पैगंबर की भविष्यवाणी से जोड़ रहे हैं।
रियाद। दुनियाभर के करोड़ों मुसलमानों के दो सबसे पवित्र शहरों मक्का और मदीना के आसपास बहुत दुर्लभ घटना घटी है। सऊदी अरब के इन दोनों अहम शहरों के पहाड़ी इलाकों में रेगिस्तान के अंदर जमकर हरियाली देखने को मिल रही है। इस इलाके का वीडियो अब सोशल मीडिया में जमकर शेयर किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस इलाके में यह हरियाली पिछले साल हुई जोरदार बारिश की वजह से हुई है। वहीं कई लोग इस चमत्कारिक घटना को हजारों साल से चली आ रही पैगंबर मोहम्मद की भविष्यवाणी से जोड़कर भी देख रहे हैं।
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गत वर्ष दिसंबर महीने में मक्का और मदीना शहरों के आसपास जमकर बारिश हुई थी। इससे दोनों ही शहरों के चारों ओर स्थित पहाड़ी और रेगिस्तानी इलाके में अब जमकर घास पैदा हुई है। इसके वायरल हो रहे वीडियो में नजर आ रहा है कि ऊंट और अन्य जीव इन घासों को खा रहे हैं। सऊदी अरब अपने रेगिस्तान और बहुत ही गर्म मौसम के लिए जाना जाता है। ऐसे में यहां बारिश और हरियाली का दिखाई देना अपने आप में बहुत ही अनोखी घटना मानी जा रही है। यही नहीं इन घास के इलाकों को नासा के सैटेलाइट से भी देखा जा सकता है।
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पैगंबर की क्या थी भविष्यवाणी
ब्रिटिश अखबार द सन की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोग कह रहे हैं कि यह कयामत के दिन के करीब आने का संकेत है, जब दुनिया खत्म हो जाएगी। कहा जाता है कि पैगंबर मोहम्मद ने 1400 साल पहले कहा था, 'अंतिम समय तब तक नहीं आएगा जब तक कि अरब की धरती घास के मैदान और नदियों से भर जाएगी।' वहीं कई लोग इसे हाल ही में सऊदी अरब के हरियाली को बढ़ावा देने के कदम से जोड़कर देख रहे हैं। इस बीच जलवायु परिवर्तन के विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत ज्यादा बारिश और अचानक आई बाढ़ संभवत: जलवायु में आ रहे बदलाव की वजह से हुआ है।
#فيديو🎥
— إمارة منطقة مكة المكرمة (@makkahregion) January 7, 2023
جبال #مكة تكتسي الخَضار بعد الأمطار التي شهدتها مؤخراً
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تصوير: عبدالإله السلمي pic.twitter.com/finS66zJXb
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क्लाइमेट कनेक्ट संस्था के डायरेक्टर लियो मेयर ने कहा, 'आप आवश्यक रूप से यह नहीं कह सकते हैं कि सऊदी अरब में भारी बारिश की वजह जलवायु परिवर्तन है। मौसम हमेशा से ही बदलता रहा है लेकिन दुनियाभर में इस तरह का बहुत ही खराब मौसम पूरी दुनिया में बढ़ रहा है।' मक्का को इस्लाम धर्म में सबसे पवित्र शहर माना जाता है। यहां गर्मियों में तापमान औसतन 41 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस दौरान से केवल 2 से 3 मिलीमीटर ही बारिश होती है।
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मुस्लिमों को बाढ़ के पानी से होकर गुजरना पड़ा
गत दिसंबर महीने में बारिश अपने रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई और पूरे शहर में बाढ़ आने से हड़कंप मच गया था। काबा के दर्शन के लिए मक्का आने वाले मुस्लिमों को बाढ़ के पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ा था। द सन की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया का अंत होगा या नहीं यह कहा नहीं जा सकता है लेकिन मक्का और मदीना के लिए यह हरियाली एक स्वागत वाली घटना है।
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