तीन साल में ही चीन का दूसरा सबसे अमीर शख्स हुआ कंगाल, 42 में से 39 बिलियन डॉलर की संपत्ति साफ

 
hui ka yan evergrande

कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच चीन की इकोनॉमी में अहम भूमिका निभाने वाले रियल एस्टेट सेक्टर को बेहद बुरे दौर से गुजरना पड़ा। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र के दिग्गज Evergrande Group के ग्रुप के चेयरमैन Hui Ka Yan तीन साल में ही कंगाल हो गए।

नई दिल्ली। चीन की आर्थिक स्थिति किसी से साफ नहीं है। कोरोना के प्रकोप ने देश की इकोनॉमी (China Economy) को गहरी चोट पहुंचाई है। रियल एस्टेट सेक्टर में सबसे ज्यादा नुकसान देखने को मिला और इस क्षेत्र के दिग्गज एवरग्रांडे ग्रुप (Evergrande Group) की हालात पतली हो गई। इसका असर ग्रुप के चेयरमैन और चीन के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति 'हुई का यान' (Hui Ka Yan) की वेल्थ पर पड़ा। महज तीन साल के भीतर ही वे अर्श से फर्श पर आ गिरे। 

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39 अरब डॉलर घट गई संपत्ति
रियल एस्टेट सेक्टर में आई सुनामी के चलते कंपनियों पर कर्ज की मार ऐसी पड़ी कि इसकी चपेट में आकर चाइनीज बिलियनेयर (Chinese billionaire) यान की संपत्ति 93 फीसदी तक घट गई। तीन साल पहले हुई का यान के पास 42 अरब डॉलर की संपत्ति थी, जिसमें 39 अरब डॉलर की नेटवर्थ साफ हो गई। अब एवरग्रांडे ग्रुप के चेयरमैन (Evergrande Group Chairman) यान की नेटवर्थ महज 3 अरब डॉलर बची है। न केलव यान, बल्कि Corona की शुरुआत के बाद से चीन के 5 सबसे अमीर रियल एस्टेट दिग्गज कुल 65 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्ति गंवा चुके हैं।

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चीन के दूसरे सबसे अमीर 
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (World's Second Largest Economy) चीन में सबसे सफल बिजनेस टायकून माने जाने वाले एवरग्रांडे ग्रुप के चेयरमैन को साल 2020 में ही देश का दूसरा सबसे अमीर इंसान घोषित किया गया था। अमीरों की वेल्थ पर नजर रखने वाले Forbes ने उस समय 42 अरब डॉलर के साथ रियल एस्टेट टायकून को चीन के दूसरे सबसे रईस व्यक्ति के तौर पर लिस्ट किया था। वहीं बीते तीन साल उनके लिए किसी बुरे सपने की तरह साबित हुए हैं।

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कर्ज की मार ने किया बेहाल
चीन के रियल एस्टेट सेक्टर (China Real Estate Sector) का बड़ा नाम एवरग्रांडे पर कर्ज की मार इस कदर पड़ी कि डिफॉल्ट के खतरे में आ गई। 2019 में कंपनी कर्ज का भुगतान करने के लिए जबरदस्त संघर्ष के दौर से गुजर रही थी और उसके बाद कोरोना का ऐसा प्रकोप शुरू हुआ कि इसकी कमर तोड़कर रख दी। कंपनी अपने लोन्स पर डिफॉल्ट के खतरे में भी थी। हालात यहां तक खराब हो गई कि कर्ज के मुद्दों को हल करने के लिए कंपनी ने अपनी परिसंपत्तियां और शेयर बेचकर फंड जुटाना शुरू कर दिया। 

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यान को सबकुछ बेचना पड़ा
कंपनी का हाल-बेहाल और कर्ज की मार झेलने के बीच एवरग्रांडे में कॉस्ट-कटिंग के कई उपाय लागू किए गए, लेकिन इससे भी बोझ कम होता नहीं दिखा। ऐसे में चेयरमैन हुई का यान ने कर्ज को चुकाने के लिए अपने कुछ घर और प्राइवेट जेट्स चक बेच दिए। कर्ज के जाल में फंसी कंपनी को 2019 से अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स पर चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमिशन (CSRC) द्वारा एक जांच का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसने इन्वेस्टर्स की चिंता को बढ़ाने का काम किया। 

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सब कुछ ठीक होने की उम्मीद!
बुरे दौर से गुजर रही एवरग्रांडे ने हालांकि, 2021 में फिर से फाइनेंशियल परफॉर्मेंस परफेक्ट होने की बात कहते हुए जानकारी साझा की थी कि उसने अपने कर्ज को कम कर दिया है। लेकिन इससे शेयर इन्वेस्टर्स के सेंटिमेंट में कुछ समय के लिए ही सुधार देखने को मिला और शेयरों का परफॉर्मेंस सुधरा। भले ही हुई का यान अब कंगाली के दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब भी फिर से खड़ा होने की उम्मीद है। उन्होंने एक स्टेटमेंट में कहा कि 2023 कंपनी के सर्वाइवल के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित होने वाला है और मेरा मानना है कि हम डिलीवरी के अपने मिशन को पूरा कर सकते हैं, कई कर्ज चुका सकते हैं और जोखिमों को खत्म कर सकते हैं।

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