10 दिन पलटीं IMF ने फाइलें और धेला भी दिया नहीं; पाकिस्तान के सामने पैसे और सम्मान दोनों का संकट

पाकिस्तान के वित्त सचिव हमीद याकूब शेख ने कहा, 'सभी मुद्दे सेटल कर लिए गए हैं और अब आगे बातचीत जारी रहने पर सहमति बनी है।' उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में स्टाफ लेवल एग्रीमेंट किया जाएगा।
नई दिल्ली। आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के लिए शायद इन दिनों कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) की टीम ने 10 दिनों तक राजधानी इस्लामाबाद में फाइलें पलटीं और अब बिना किसी फैसले के ही वापस जा चुकी है। आईएमएफ की टीम ने शहबाज शरीफ सरकार के एक-एक विभाग की जांच की। इस दौरान उसने पता लगाया कि कितनी रकम कहां खर्च होती है। फिर भी 7 अरब डॉलर के लोन की मांग पर अब तक कुछ भरोसा नहीं दिया है। पाक सरकार ने खुद माना है कि हमारी आईएमएफ से यही बात हुई है कि आगे भी बातचीत जारी रखेंगे।
विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, कॉल 8279269659
पाकिस्तान के वित्त सचिव हमीद याकूब शेख ने कहा, 'सभी मुद्दे सेटल कर लिए गए हैं और अब आगे बातचीत जारी रहने पर सहमति बनी है।' उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में स्टाफ लेवल एग्रीमेंट किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि आईएमएफ के साथ किन मुद्दों पर बात बनी है और आगे क्या संभावना है। फिलहाल आईएमएफ की टीम लौट रही है और अपनी लीडरशिप को पाकिस्तान के बारे में रिपोर्ट देगी। इसके बाद दो से तीन दिन में कुछ फैसला हो सकेगा।
यह खबर भी पढ़ें: महिला टीचर को छात्रा से हुआ प्यार, जेंडर चेंज करवाकर रचाई शादी
यहां तक कि पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर भी आईएमएफ ने रोक लगा दी है। उसका कहना है कि लोन के बारे में कोई अंतिम फैसला लिए जाने से पहले ऐसा न किया जाए। गुरुवार को मीडिया के सामने आकर पाकिस्तानी वित्त मंत्री को बयान जारी करना था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका और उनके घर के बाहर पत्रकार इंतजार ही करते रह गए। गौरतलब है कि पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ खुद भी आईएमएफ की सख्ती पर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने पीओके में एक कार्यक्रम में कहा था कि आईएमएफ की टीम इस्लामाबाद में बैठकर हमारी हर फाइल देख रही है।
यह खबर भी पढ़ें: 'मेरे बॉयफ्रेंड ने बच्चे को जन्म दिया, उसे नहीं पता था वह प्रेग्नेंट है'
शहबाज शरीफ ने माना- हमारा जीना ही मुश्किल हो गया
शहबाज शरीफ ने कहा था, 'हमारा जीना मुश्किल हो गया है। हर खर्च को आईएमएफ देख रहा है। फिर भी हमें जिंदा कौम की तरह जिंदा रहना है, भीख मांगकर नहीं।' शहबाज ने इस संकट के समय भी कश्मीर और कौम का अजेंडा नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि हमें एक कौम के तौर पर एकजुट होना होगा। उससे ही रास्ता निकल सकता है और तमाम चुनौतियों को मात दे सकते हैं।
Download app : अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप