Holi 2023: होली पर क्यों पी जाती है भांग, जानें इसका धार्मिक और औषधीय महत्व

नई दिल्ली। रंगों के त्योहार को लेकर हम सभी उत्साहित हैं। होली हिंदू धर्म के सबसे पसंदीदा त्योहारों में से एक है क्योंकि इस शुभ त्योहार पर विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं और लोग रंग और पानी से खेलते हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है। इस साल होली 8 मार्च, 2023 दिन बुधवार को मनाई जाएगी।
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रंगों का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली के त्योहार पर तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते थे। भांग प्रेमियों के लिए होली एक बेहतरीन बहाना है। ठंडाई, भांग के लड्डू और भांग से बनी कई अन्य चीजों को पीने की परंपरा है। हालांकि, लोग इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि हम शुभ अवसर पर भांग क्यों पीते हैं। होली और भांग का गहरा संबंध है। सनातन धर्म में भांग को भगवान शिव शंकर के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है, जबकि आयुर्वेद में भांग को औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
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एक प्राचीन औषधीय ग्रंथ अथर्ववेद के अनुसार, भांग के पौधे को पृथ्वी पर पांच सबसे पवित्र पौधों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है और इसे "खुशी का स्रोत" या "खुशी देने वाला पौधा" भी कहा जाता है। कहा जाता है कि होली को मस्ती और उल्लास के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। भांग का संबंध हिंदू धर्म में उत्साह और शिव की जड़ी से है।
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प्रचलित मान्यता के अनुसार भगवान महादेव हलाहल विष से प्रभावित थे और उन्होंने भांग और धतूरे के सेवन से विष से मुक्ति पाई। इसलिए होली पर भांग का सेवन किया जाता है। वहीं इसके सेवन के पीछे एक प्रमुख कारण है। यह एक औषधि है जो पाचक का काम करती है, क्योंकि होली के अवसर पर लोग भारी भोजन करते हैं। भांग आसान पाचन के लिए उपयोगी है।
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