आज सुविचार: अत्यधिक पूजापाठ और विपुल पुण्य कर्मों पर अहंकार न कर

ईश्वरीय श्लोकों के अत्यधिक पाठ और दिन-रात किए गए विपुल पुण्य कर्मों पर अहंकार न करो क्योंकि संकटों में सहायक और स्वयंजीवी ईश्वर के सभी पवित्र ग्रन्थों का उदासीनता से पाठ करने की अपेक्षा आनन्द और प्रफुल्लता से मात्र एक श्लोक का पाठ करना ही किसी व्यक्ति के लिए अच्छा हैपवित्र श्लोकों का उतना ही पाठ करो कि तुम थकान का अनुभव न करने लगो ।
किताब-ए-अकदस