Akshaya Tritiya 2023: अक्षय तृतीया पर इस मंत्र और विधि से करें कलश पूजन, सोने की तरह चमक जाएगी किस्मत

सबसे पहले इस दिन व्रत करने वालों को सूर्योदय से पहले स्नान करके पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। 
 
Akshaya Tritiya 2023: अक्षय तृतीया पर इस मंत्र और विधि से करें कलश पूजन, सोने की तरह चमक जाएगी किस्मत

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन सर्वसिद्धि योग बनता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। आज हम आपको इस दिन के बारे में और इसकी पूजा के मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं।

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इस मंत्र की पूजा करें
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया के दिन व्रत रखने की परंपरा है। सबसे पहले इस दिन व्रत करने वालों को सूर्योदय से पहले स्नान करके पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं, फिर पंचामृत से स्नान कराएं, फिर से गंगाजल से स्नान कराएं। अब भगवान विष्णु की मूर्ति पर तुलसी की माला और पीले फूल अर्पित करें। इसके बाद दीपक और अगरबत्ती जलाकर पीले आसन पर बैठकर श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत्र और विष्णु चालीसा का पाठ करें। इसके बाद भगवान विष्णु की आरती करें। 

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कैसें करें कलश स्थापना-
आपको बता दें कि, धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन बिना कलश की गई पूजा अधूरी मानी जाती है। अक्षय तृतीया पर कलश संकल्प का प्रतीक है। अक्षय तृतीया के दिन स्नान के बाद कलश में जल भरकर आम के पत्तों से सजाएं और स्वास्तिक जरूर बनाए, इस दौरान कलश स्थापना मंत्र 'कलशस्य मुखे विष्णु कंथे रुद्र संश्रिता: मुलेत्स्य शित्तो ब्रह्म मेरे गण स्मृता:' का जाप करते रहें ।

अक्षय तृतीया पर कलश पूजन 
पुराणों के अनुसार, द्रौपदी को भगवान कृष्ण की वजह से अक्षय कलश मिला था। मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के पदचिह्नों में कलश की आकृति उभरी। तो आज भी वृंदावन में इस तिथि पर पादुका के दर्शन होते हैं। इसी दिन सागर मंथन भी प्रारंभ हुआ था। उसमें से निकलने वाला अमृत कलश पात्र में ही भर गया। कहा जाता है कि कलश में 33 हजार करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। अक्षय तृतीया के दिन राजा जनक हल जोतते समय कलश में माता सीता से मिले थे।

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इन वस्तुओं का दान करें
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस दिन दान देना लाभकारी होता है। अक्षय तृतीया के दिन ज्वार, सत्तू, तिल और चावल के दान का महत्व है । शास्त्रों में गेहूँ को सोने के समान महत्व दिया गया है । इसलिए अन्नदान का विशेष महत्व है । अक्षय तृतीया के दिन वस्त्र दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन खरीदे गए सोने के आभूषणों से कभी भी आर्थिक तंगी नहीं होती है।

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