Basant Panchami 2023: कल है बसंत पंचमी, जानें शुभ मुहूर्त और मां सरस्वती की पूजन विधि

हिंदु धर्म में प्रचलित कथा के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती की सरंचना की थी।
Basant Panchami 2023: कल है बसंत पंचमी, जानें शुभ मुहूर्त और मां सरस्वती की पूजन विधि

डेस्क। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, बसंत पंचमी का त्योहार माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है जो कि इस बार 26 जनवरी 2023 को पड़ेगी। बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की विशेष पूजा का विधान है। हिंदु धर्म में प्रचलित कथा के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती की सरंचना की थी। इस दिन सरस्वती माता की पूजा की प्रथा सदियों से चली आ रही है। शास्त्रों के अुनसार बसंत पचंमी से सर्दी कम हो जाती है और गर्मी के आगमन की आहट मिलने लगती है। मान्यता है की सृष्टि के निर्माण के समय देवी सरस्वती बसंत पंचमी के दिन प्रकट हुई थीं। अत: इस दिन को मां सरस्वती के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, इसलिए मां सरस्वती की पूजा-अर्चना, वंदना की जाती है।

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कैसे करें मां सरस्वती का पूजन : -
- हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाए जाने वाले इस त्योहार के दिन ही ब्रह्माण्ड के रचयिता ब्रह्माजी ने सरस्वती की रचना की थी।

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- वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा करने के लिए सबसे पहले सरस्वती माता की प्रतिमा अथवा तस्वीर को सामने रखना चाहिए। इसके बाद कलश स्थापित करके गणेशजी तथा नवग्रह की विधिवत पूजा करनी चाहिए।

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- माता सरस्वती की पूजा करें। सरस्वती माता की पूजा करते समय उन्हें सबसे पहले आचमन एवं स्नान कराएं, इसके बाद माता को केसरिया फूल एवं माला चढ़ाएं। सरस्वती माता को सिन्दूर एवं अन्य श्रृंगार की वस्तुएं भी अर्पित करनी चाहिए।

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- बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता के चरणों में गुलाल भी अर्पित किया जाता है। देवी सरस्वती श्वेत वस्त्र धारण करती हैं अत: उन्हें श्वेत वस्त्र पहनाएं।

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- सरस्वती पूजन के अवसर पर माता सरस्वती को पीले रंग का फल चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में मौसमी फलों के अलावा बूंदी अर्पित करना चाहिए। इस दिन सरस्वती माता को मालपुए एवं खीर का भी भोग लगाया जाता है।

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- सरस्वती माता के नाम से हवन करना चाहिए। हवन के लिए हवन कुंड अथवा भूमि पर सवा हाथ चारों तरफ नापकर एक निशान बना लेना चाहिए। इसे कुशा से साफ करके गंगा जल छिड़ककर पवित्र करने के बाद आम की छोटी-छोटी लकड़ियों को अच्छी तरह बिछा लें और इस पर अग्नि प्रज्वलित करें। हवन करते समय गणेशजी व नवग्रह के नाम से भी हवन करें।

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- सरस्वती माता के नाम से 'ॐ श्री सरस्वतयै नम: स्वाहा' इस मंत्र से 108 बार हवन करें।

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- हवन के बाद सरस्वती माता की आरती करें और हवन की भभूत मस्तक पर लगाएं। इस तरह पूजन करने से सरस्वती देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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बसंत पंचमी पर्व तिथि व मुहूर्त 2023
पंचमी आरंभ: 25 जनवरी 2023, दोपहर 12:34 से
पंचमी समाप्त- 26 जनवरी 2023, सुबह 10:28 तक
उदयातिथि के अनुसार, बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 को मान्य होगी।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- 26 जनवरी 2023, सुबह 07:12 से दोपहर 12:34 तक।

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