नई पॉलिसी से होंगे थर्ड-ग्रेड टीचर्स के ट्रांसफर:कहा- लोग कहते हैं कि मैं और वसुंधरा जी मिले हुए, उन्होंने तो मेरे काम बंद कर दिए-गहलोत

 
Ghalot

राजस्थान में ट्रांसफर का इंतजार कर रहे ग्रेड थर्ड के टीचर्स को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। मंगलवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान सरकार टीचर्स के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी तैयार कर रही है। यह एक बहुत बड़ी समस्या है। उसके बाद ही थर्ड ग्रेड टीचर्स के ट्रांसफर किए जाएंगे। हालांकि चुनाव से पहले बीमारी से ग्रसित कुछ लोगों को ट्रांसफर की राहत जरूर दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा- लोग कहते हैं कि मैं और वसुंधरा जी मिले हुए हैं। बताओ कहां मिले हुए हैं। मेरे सब कामों को उन्होंने बंद कर दिया।

CM ने कहा- शिक्षा विभाग में लगभग ढाई लाख तो सिर्फ थर्ड ग्रेड टीचर हैं। उनकी अलग तरह की समस्याएं हैं। हमें वापस बुलाओ, अपने जिले में लेकर आओ। जबकि जब भर्ती होती है। तब वह जिले की भर्ती होती है। तब वह चॉइस करता है। मैं बाड़मेर या जैसलमेर जाऊंगा। उसके बाद भी वह अपने गृह जिले में जाने की मांग करता है। कोई कहता है। मैं तो सीकर जाऊंगा। किसी को झुंझुनू तो किसी को अलवर जाना है। यह बहुत बड़ी समस्या है। इसलिए हम शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी तैयार कर रहे हैं।

नई पॉलिसी से होंगे ट्रांसफर
उन्होंने कहा- थर्ड ग्रेड टीचर्स का मुद्दा काफी बड़ा है। इसलिए मैं आप सभी का सहयोग चाहूंगा। यह बहुत बड़ी समस्या है। मान लीजिए अगर सरकार चुनाव से पहले 20 या 30 हजार के ट्रांसफर भी कर देती है। उससे आप लोग खुश हो जाएंगे तो वह गलत बात है। क्योंकि बिना पॉलिसी ट्रांसफर नहीं होने चाहिए। हर टीचर को यह पता होना चाहिए। उसका ट्रांसफर इस पॉलिसी के तहत इतने वक्त में हो सकेगा।

चुनाव से पहले इन्हें मिलेगी राहत
CM ने कहा- गुजरात और महाराष्ट्र में ट्रांसफर पॉलिसी बनी हुई है। मैंने कल्ला जी से भी कहा है। आप इस पॉलिसी की अच्छे से स्टडी कीजिए। इसके बाद भी किसी टीचर कि कैंसर पेशेंट, किडनी पेशेंट, विकलांग इस तरह समस्याएं हैं। उसे आप अपने स्तर पर देख लीजिए। उन्हें अभी कर दीजिए। बाकी पॉलिसी बन जाए। उसके बाद ही ट्रांसफर किए जाने चाहिए। क्योंकि अगर स्कूल खाली हो जाएंगे। सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि, टीचर्स की भी बदनामी होगी।

मैं और वसुंधरा जी मिले हुए
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- मैंने कई यूनिवर्सिटी का निर्माण किया था। पिछली सरकार ने उन्हें बंद कर दिया। इसके बाद भी लोग कहते हैं कि मैं और वसुंधरा जी मिले हुए हैं। बताओ कहां मिले हुए हैं। मेरे सब कामों को उन्होंने बंद कर दिया। उन्होंने रिफाइनरी भी बंद कर दी थी। इसकी वजह से 38 हजार करोड़ की रिफाइनरी अब 72 हजार करोड़ में बनेगी। इसमें मोदी जी की सरकार ने भी उनके साथ दिया।

वसुंधरा राजे ने बंद की यूनिवर्सिटी
उन्होंने कहा- यूनिवर्सिटी की पॉलिसी होती है। अगर कोई यूनिवर्सिटी शुरू होती है। वह बंद नहीं हो सकती है। वसुंधरा राजे ने पहली बार हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया। डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम की यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया। हमारी सरकार ने एक्ट में परिवर्तन कर फिर से इन यूनिवर्सिटीज को शुरू किया। अब दोनों की शानदार बिल्डिंग बन रही है।

विपक्ष की सोच नेगेटिव, तनाव पैदा करना चाहते है
CM ने कहा- हमारी सरकार की सोच सकारात्मक है। जबकि पिछली सरकार की सोच नकारात्मक थी। नेगेटिव सोचना उनकी फितरत में है। वह लोग दुश्मनी निकालते हैं। तनाव पैदा करना चाहते हैं। उन लोगों में सहनशक्ति नहीं है। उनकी टॉलरेंस पावर बहुत कम है। आलोचना करते ही आपको देशद्रोही की श्रेणी में खड़ा कर दिया जाता है। मैं आलोचना का स्वागत करता हूं। अगर वह तथ्य के आधार पर हो। विपक्ष का काम भी आलोचना करना है। राजस्थान में तो सिर्फ हवा में आलोचना की जाती है। जो हवा में ही उड़ जाती है। वह नीचे नहीं उतर पाती है।

अडानी साहब के शेयर धड़ाम हो गए
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- ओल्ड पेंशन स्कीम का फैसला मैंने मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर किया है। 35 साल की सरकारी नौकरी करने के बावजूद भी लोग बुढ़ापे में आजीविका के लिए परेशान हो रहे थे। पेंशन के लिए कुछ लोगों ने शेयर मार्केट में भी पैसे लगाए। शेयर मार्केट में तो अडानी साहब का शेयर भी धड़ाम हो गया। ऐसे में उन लोगों के शेयर मार्केट का क्या होगा। सिर्फ शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड के भरोसे नहीं रहा जा सकता है।

CM बोले मैंने भी म्युचुअल फंड में किया था इन्वेस्ट
उन्होंने कहा- कुछ साल पहले मैने खुद ने 20 हजार के म्युचुअल फंड खरीदे थे। 5 साल बाद मुझे पता चला कि वह फंड नीचे आ गए। तब मुझे 20 हजार के सिर्फ 20 हजार ही वापस मिल सके। 5 साल बाद भी। मैं तो उसमें भी खुश था। कम से कम मेरा मूल तो बच गया।

कोई मंत्री शिक्षा विभाग नहीं लेना चाहता
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- जब भी मैं मुख्यमंत्री बनता हूं। मंत्रियों की घोषणा होने के बाद सभी मंत्री मेरे पास वन बाय वन आते हैं। वह कहते हैं कि कोई भी विभाग दे देना। शिक्षा विभाग मत देना। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला भी यही कहते हैं। फिर भी मैं इन्हें ही शिक्षा विभाग देता हूं। मुझे पता है कि यह मना तो कर रहे हैं, लेकिन यह इस विभाग के एक्सपर्ट हो गए हैं। यह चार बार शिक्षा मंत्री बन चुके हैं।

टीचर्स को पटा-पट्टू कर रखते है कल्ला जी
CM ने कहा- कल्ला जी बहुत भले आदमी है। यह अपना काम चला लेते हैं। शिक्षकों को भी पटा-पट्टू कर रखते हैं। ट्रांसफर पोस्टिंग शिक्षा विभाग में काफी समस्याएं रहती है। इसलिए इस विभाग को जो संयम रखना है। वही, चला सकता है। क्योंकि शिक्षकों से लोहा लेना काफी मुश्किल काम होता है।

ERCP मेरी जिद
उन्होंने कहा- पहले जब हम गुजरात से राजस्थान आते थे। लोग कहते थे कि अगर नींद खुल जाए। समझो राजस्थान आ गया है। अब उल्टा मामला हो गया है। राजस्थान की सड़क शानदार हो चुकी है। राजस्थान में पानी की आज भी बड़ी समस्या है। ERCP योजना के बारे में तो आप सभी जानते हैं। हम जूझ रहे हैं। केंद्र सरकार से कि आप ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करो। उनकी जिद है कि वह नहीं करेंगे। मेरी जिद है कि इसको बना कर ही रहेंगे।

टीचर्स को नहीं करने पड़ेंगे दूसरे काम
CM ने कहा- मुझे पता है टीचर्स पर काफी बर्डन है। आपका काम सिर्फ पढ़ने का है। उसके बावजूद आपको दूसरे भी काफी काम दिए जाते हैं। वह नहीं दिए जाने चाहिए। यह बात भी हमारे दिमाग में है। मौका लगेगा तो इस पर भी फैसला लेंगे। हम चाहते हैं कि शिक्षक सिर्फ शिक्षक का ही कम करें। बाकी काम दूसरे लोग करें। अगर फिर से हमारी सरकार बनेगी तो मैं आपसे वादा करता हूं। आपका काम किस तरह से हल्का हो इसको लेकर फैसला किया जाएगा।

मैंने किया था इंग्लिश का विरोध
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- मैं भी बचपन में अंग्रेजी के खिलाफ था। मैंने इंग्लिश का विरोध भी किया था। मुझे लगता था अंग्रेजी और संस्कृत क्या काम आएगी। उस वक्त दक्षिण के राज्यों में हिंदी की किताबें जलाई जाती थी। उत्तर के राज्यों में इंग्लिश के खिलाफ आंदोलन चलता था। आज समय बदल गया है।

लॉटरी से हो रहा है एडमिशन
उन्होंने कहा- आज के वक्त में कंप्यूटर आ गया है। इंग्लिश अंतरराष्ट्रीय भाषा बन चुकी है। उसका अलग महत्व है। इसलिए हमने राजस्थान में इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले। इनमें 6 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि प्रदेश में इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन के लिए अब लॉटरी तक खोलनी पड़ रही है।

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