अच्छा आचरण करने वाले 835 कैदियों की समय पूर्व की गई रिहाई, 5 नए महिला बंदी सुधार गृह खोल कर राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर

सरकार ने कैदियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए किए सतत कार्य- कारागार मंत्री
अच्छा आचरण करने वाले 835 कैदियों की समय पूर्व की गई रिहाई, 5 नए महिला बंदी सुधार गृह खोल कर राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर

जयपुर। कारागार मंत्री टीकाराम जूली ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार जेलों में बंद कैदियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए सतत रूप से कार्य  कर रही है। इसी दृष्टिकोण के तहत बंदियों को शिक्षित करने के साथ-साथ  कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

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जूली विधानसभा में मांग संख्या 18 (कारागार) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने कारागार विभाग की 3 अरब, 6 करोड़ 94 लाख 53 हजार रूपये की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी।

कारागार मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार बंदियों के जीवन स्तर में सुधार लाने  के लिए कई कदम उठा रही है, जिसके तहत अच्छा आचरण करने वाले 835 कैदियों की समय पूर्व रिहाई की गई।

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उन्होंने बताया कि जेलों से अपराध का संचालन रोकने के लिए राज्य की जेलों में  न्यायधीशों, जिला कलेक्टरों और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीमों द्वारा संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान 656 मोबाईल फोन जब्त किए गए। राज्य सरकार जेलों में कैदियों द्वारा मोबाईल फोन का उपयोग रोकने के लिए हाई सिक्योरिटी जैमर भी लगाएगी।

जूली ने बताया कि महिला एवं दिव्यांग बंदियों के अधिकारों के प्रति सरकार  संवेदनशील है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए जेलों में अलग बैरक की व्यवस्था की गई है। 5 नए महिला बंदी सुधार गृह खोल कर राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि सरकार सुजानगढ़, डूंगरपुर और सिरोही में शीघ्र नए कारागृह स्थापित करेगी।

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जूली ने बताया कि राज्य सरकार बंदियों को साक्षर बनाने के लिए विशेष अभियान चला रही है। बंदियों के लिए आईआईटी डिप्लोमा जैसे कोर्स चलाए जा रहे है। बंदियों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के साथ राज्य सरकार एमओयू कर उन्हें योग का प्रशिक्षण दे रही है। जेलों में एम्बूलेंसों  की संख्या भी 11 से बढाकर 27 कर दी गई है। कैंटीन की राशि 2500 रूपये से बढाकर 3500 रूपये कर दी गई है। 

कारागार मंत्री ने बताया कि जेलों में कार्यरत कर्मियों के हितों के प्रति सरकार संवेदनशील है। सरकार ने मुख्य प्रहरी का वेतनमान पुलिस के हैड कांस्टेबल के समान कर दिया है, जेल प्रहरी और पुलिस कांस्टेबल के बीच की वेतन विसंगति दूर करने पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार शीघ्र ही प्रिजन बिल लाने जा रही है जिसके नियम 12 दिसम्बर 2022 को अधिसूचित कर दिए गए हैं। 

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