कर्मयोगी पी एन भंडारी नियम में ना बंधने वाले और जमीन से जुड़े अधिकारी रहे हैं- मुख्य सचिव

- सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पी एन भंडारी की पुस्तक 'कमिटमेंट एंड क्रिएटिविटी' पर हुई 'बुक टॉक'

कर्मयोगी पी एन भंडारी नियम में ना बंधने वाले और जमीन से जुड़े अधिकारी रहे हैं- मुख्य सचिव

जयपुर। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पी एन भंडारी कर्मयोगी प्रशासक रहे और मैं हमेशा उनके जैसा बनना चाहती हूं। वे हमारे लिए सच्ची प्रेरणा के स्त्रोत और मेंटर रहे हैं। पी एन भंडारी ने पहली मुलाकात में  कहा कि मुझे नियमों से एलर्जी है और काम से लगाव है तथा प्रशासक के तौर पर हमारा एंटीना इतना प्रभावशाली होना चाहिए कि धरातल की समस्याओं को सटीक तरह से समझ सकें। भंडारी का यह कथन मुझे सदैव प्रेरित करता है। शर्मा, शनिवार को सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पी एन भंडारी द्वारा लिखित 'कमिटमेंट एंड क्रिएटिविटी' आईएएस अधिकारी के संस्मरण पर आधारित बुक टॉक के मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थी।

यह कार्यक्रम जयपुर स्थित एचसीएम रीपा के साथ आईएएस एसोसिएशन राजस्थान तथा एआईएस पेंशनर एसोसिएशन राजस्थान के संयुक्त तत्वाधान मेंआयोजित किया गया था। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव व अन्य वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पी एन भंडारी की पुस्तक पर उनके विचार से रूबरू हुए।

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कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने पुस्तक के कुछ अंश पढ़े और कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे भंडारी के साथ काम करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि भंडारी ने राजस्थान में अनेक नवाचार किए, जैसे अकाल के दौरान पक्के निर्माण कार्यों पर बल देते हुए सीकर में 4 हजार से अधिक कुएं खोदने, बैंकों द्वारा सीधे ही श्रमिकों को भुगतान करने, ऋण मेला आयोजित करने, भूमि अधिग्रहण, जनता दरबार लगाए जाने जैसे अनेक कार्य प्रदेश में प्रथम बार भंडारी द्वारा ही किए गए। देश में लागू इमरजेंसी को भी भंडारी ने अवसर के रूप में लिया और उस दौरान अतिक्रमण हटाने का व्यापक अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि प्रशासक के रूप में लिखी गई उनकी यह पुस्तक, नव प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों को अवश्य पढ़ाई जानी चाहिए।

इस अवसर पर पुस्तक के लेखक भंडारी ने बताया कि उनकी पत्नी कौशल्या भंडारी गत 53 वर्षों से उनके कार्यकाल के दौरान छपे समाचारों को संकलित कर रखती थीं, जो इस पुस्तक के प्रकाशन का आधार बनीं।

बुक टॉक के दौरान अनेक दिलचस्प सवाल पूछे गए जिसके भंडारी ने अपने अनुभव और संस्मरण पर आधारित जवाब दिए।

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प्रो. रमेश अरोड़ा ने भंडारी के काम और जीवन से जुड़े अनेक संस्मरण इस अवसर पर साझा किए। उन्होंने कहा कि भंडारी कठोर प्रशासक थे और उनकी ज़िद अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की होती थी। उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्ति के दिन जब भंडारी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि अभी भी मेरे पास काम करने के साढ़े 4 घंटे शेष हैं और मैं कार्यालय में ही हूं। उन्होंने कहा कि भंडारी ने नियम कायदों से ऊपर  उठकर हमेशा आमजन की भलाई के लिए काम किया। तभी उनके समय के सभी मुख्यमंत्री, मंत्री, राजनेता उनकी कार्यशैली से प्रभावित थे और उनकी दक्षता का लोहा मानते थे।

कार्यक्रम में महानिदेशक एचसीएम रीपा सुधांश पंत, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड अजिताभ शर्मा, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास एवं आवासन विभाग कुंजी लाल मीणा, शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता डॉ समित शर्मा, पूर्व मुख्य सचिव इंद्रजीत खन्ना और अशोक जैन तथा अनेक भूतपूर्व सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा एवं वन विभाग के अधिकारी, प्रोफेसर रमेश अरोड़ा, बी एल शर्मा, नरेंद्र सिसोदिया सहित अनेक कार्यरत एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर एचसीएम रीपा में 2021 के नव चयनित प्रशिक्षणार्थी आईएएस अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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