Indira Rasoi Yojana: एक हजार रसोइयों का लक्ष्य अब महज 20 कदम दूर, मुख्यमंत्री का संकल्प ‘कोई भूखा ना सोए’ हो रहा साकार
- प्रदेश में कार्यरत 980 इंदिरा रसोइयां

जयपुर। प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संकल्प ‘कोई भूखा नहीं सोए’ को साकार करते हुए स्थापित इंदिरा रसोइयों की संख्या अपने लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर हैं। वर्तमान में क्रियाशील 980 रसोइयों को मिलाकर एक हजार रसोइयां खोलने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अब मात्र 20 रसोइयां खोली जानी शेष हैं। जनहित के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। इंदिरा रसोई योजना प्रदेश भर में लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है।
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संकल्प का ही परिणाम है कि इंदिरा रसोई योजना प्रदेश भर में गरीब, मजदूर, कोचिंग छात्रों, बुजुर्गों एवं सरकारी अस्पताल में आने वालों, कृषि मंडियों के किसानों, रेल यात्रियों व बस स्टैंड के साथ-साथ प्रदेश के सभी नगर निकायों में जरूरतमंद लोगों का पेटभर भोजन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
बजट लक्ष्य होगा पूर्ण
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट सत्र 2022-23 के अनुसार 1000 रसोई का लक्ष्य रखा था, जो शीघ्र ही पूर्ण होने की ओर अग्रसर है। वर्तमान में 980 इंदिरा रसोई सुचारू रूप से कार्य कर रही हैं। इनसे हर वर्ग के जरूरतमंदों को भोजन मिल रहा है।
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इंदिरा रसोई योजना की सबसे बड़ी विशेषता इसका सस्ता, सुलभ और गुणवत्ता से पूर्ण होना है। प्रदेश में योजना की सफलता की स्थिति यह है कि अब तक इंदिरा रसोई के माध्यम से मात्र 8 रूपए में 9.45 करोड़ से ज्यादा थाली परोसी जा चुकी हैं।
कर्मचारी भी ले रहे हैं इसका लाभ-
राज्य सरकार ने सरकारी विभाग के ग्रुप-डी, संविदाकर्मियों तथा अन्य जरूरतमंद कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए शासन सचिवालय और कृषि विभाग जैसे बड़े सरकारी विभागों के नजदीक इंदिरा रसोई खोली है। इससे जरूरतमंद कर्मचारियों को भी मात्र 8 रूपये में पौष्टिक खाना मिल पा रहा है।
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निरंतर निगरानी, गुणवत्ता पर ध्यान-
इंदिरा रसोई की व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चिंता को इसी बात से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री द्वारा सभी जिला एवं नगर निकायों के अधिकारी तथा जनप्रतिनिधियों को हर महीने इंदिरा रसोई में जाकर खाने का निरीक्षण करने और लोगों के साथ बैठकर खाना खाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कई बार स्वयं भी जगह-जगह इन रसोइयों में जाकर परोसे जा रहे भोजन का आनंद लिया और वहां भोजन कर रहे लोगों से भी खाने की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली।
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कर्मचारियों ने बताया उपयोगी-
नजदीकी गांव से राजधानी जयपुर में काम करने आए कर्मचारी मनोज कुमार मीणा ने बताया कि यहां आठ रूपये में बढ़िया और पौष्टिक भोजन मिल रहा है। सभी व्यवस्थाएं भी अच्छी हैं। सभी कर्मचारियों के लिए यह इंदिरा रसोई अत्यंत उपयोगी है।
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