अयोध्या और दिगंबर अखाड़े से योगी का रिश्ता... जानिए रामनगरी को सीएम दूसरा घर क्यों मानते हैं

सीएम योगी शनिवार को अयोध्या पहुंचे। वो महंत रामचंद्र परमहंस की पुण्यतिथि के मौके पर दिगंबर अखाड़ा गए। इसके बाद उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी ली। अयोध्या और दिगंबर अखाड़े के रिश्ते महज अवैद्यनाथ तक ही नहीं बल्कि उनके गुरु दिग्विजयनाथ के समय से हैं। अपने गुरु के साथ योगी बालकाल से अयोध्या और दिगंबर अखाड़ा आते रहे हैं।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार (19 अगस्त) को महंत रामचंद्र परमहंस की पुण्यतिथि के मौके पर दिगंबर अखाड़ा पहुंचे। पुष्पांजलि अर्पित करते हुए वो भावुक हुए। इसके बाद उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी ली। साथ ही दीपोत्सव महोत्सव और रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।
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बताते चलें कि सीएम का अयोध्या के दिगंबर अखाड़े से अटूट रिश्ता रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह दिगंबर अखाड़े के महंत और राम मंदिर आंदोलन में शलाका पुरुष के रूप में जाने जाने वाले रामचंद्र परमहंस व उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ के बीच का मित्रता का रिश्ता भी है। इसीलिए राम मंदिर आंदोलन के समय गोरक्ष पीठाधीश्वर अवैद्यनाथ अयोध्या आते थे तो एक ही जगह रुकते थे और वो था दिगंबर अखाड़ा।
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राम मंदिर आंदोलन ने दी रिश्तों को प्रगाढ़ता
अयोध्या और दिगंबर अखाड़े के रिश्ते महज अवैद्यनाथ तक ही नहीं बल्कि उनके गुरु दिग्विजयनाथ के समय से हैं। अपने गुरु के साथ योगी बालकाल से अयोध्या और दिगंबर अखाड़ा आते रहे हैं। यूं तो योगी आदित्यनाथ के गुरु हों या बाबा गुरु सभी का अयोध्या से गहरा नाता रहा। मगर, लेकिन राम मंदिर आंदोलन ने रिश्तों को नया आयाम दिया। आंदोलन के दौरान योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ का अयोध्या में आना-जाना काफी रहा।
इस दौरान वो जब यहां आए तो दिगंबर अखाड़े को ही अपना ठिकाना बनाया। यही कारण रहा कि दिगंबर अखाड़े के महंत रामचंद्र परमहंस से उनकी निकटता बढ़ती चली गई। रामचंद्र परमहंस को मंदिर आंदोलन का शलाका पुरुष भी कहा जाता है। मंदिर आंदोलन का पूरा ताना-बाना इन्हीं के इर्द-गिर्द घूमता रहा।
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आंदोलन की शिथिलता ने लगाया विराम, मगर योगी नहीं भूले संबंध
लगभग तीन दशक पहले मंदिर आंदोलन का चरम उत्कर्ष, उसके बाद भी यह सिलसिला रुका नहीं और अयोध्या में आंदोलन की गर्मी महसूस की जाती रही। इसके बाद दिगंबर अखाड़ा के महंत रामचंद्र परमहंस का देहावसान और आंदोलन के शिथिलता समेत कई ऐसे कारण रहे, जिसके कारण महंत अवैद्यनाथ और योगी आदित्यनाथ का अयोध्या और दिगंबर अखाड़ा आना कम हो गया।
इसके बाद योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बन गए और लगातार दूसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हैं। अयोध्या के प्रति उनका जो लगाव है, वह अक्सर सामने आता रहता है। हाल के अयोध्या दौरे में योगी आदित्यनाथ ने मंच से कहा था कि किसी एक शहर में जितनी परियोजनाएं और विकास के कार्य चल रहे हैं, उतना यूपी के किसी जिले में नहीं हो रहा है।
यही नहीं अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में योगी जितनी बार अयोध्या आ चुके हैं, वो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद से जब-जब अयोध्या आए, दिगंबर अखाड़ा जाना नहीं भूले। यह लगाव है उनके गुरु और बाबा गुरु के द्वारा संबंधों के उस बीज का जो अब फलदार वृक्ष बन चुका है।
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इसलिए है अयोध्या योगी का दूसरा घर
कई मौके पर योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अयोध्या गोरखपुर के बाद उनका दूसरा घर है। इसके पीछे की अपनी ही अलग कहानी है। गोरक्ष पीठ से अयोध्या का रिश्ता और श्री राम मंदिर से लगाव योगी को बरबस ही अयोध्या खींच लाता है।
यहां आने के बाद ऐसे कई साधु संतों से भी उनकी मुलाकात होती है जो उनके गुरु के निकट रहे। इसीलिए योगी आदित्यनाथ अयोध्या को सांस्कृतिक ही नहीं धार्मिक राजधानी बनाना चाहते हैं। अयोध्या में चल रही परियोजनाएं और भविष्य की योजना कुछ यही कहती दिखाई देती है।
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