Wrestlers Protest: जंतर-मंतर खाली कराया दिल्ली पुलिस ने, लेकिन पहलवान अड़े, कहा- हम फिर शुरू करेंगे सत्याग्रह

Indian Wrestlers Protest: भारतीय पहलवानों ने कहा कि वे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कानून तोड़ा है और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। पुलिस ने पूरे धरनास्थल को साफ कर दिया है।
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद (BJP MP) बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ पहलवानों (Wrestlers) का गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा है। रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन अवसर पर पहलवान प्रदर्शन करने के लिए नए संसद भवन की तरफ कूच कर गए थे। लेकिन प्रदर्शनकारी पहलवानों और उनके समर्थकों को पुलिस ने काफी दूर ही बेरिकेडिंग करके रोक लिया था। प्रदर्शनकारी पहलवान और समर्थक आगे बढ़ने को अड़े थे। इसको लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के जवानों और पहलवानों को बीच धक्कामुक्की भी हुई थी।
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भारी संख्या में तैनात महिला व पुरूष पर्सनल ने दिल्ली के जंतर-मंतर के साथ-साथ अलग-अलग हिस्सों से करीब 700 लोगों को हिरासत में लिया था। जिसमें पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat), साक्षी मलिक (Sakshi Malik) और बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) आदि प्रमुख रूप से शामिल है। इसके बाद जंतर-मंतर से हटाए गए टेंट, गद्दों, चटाइयों, कूलर और स्पीकर पर पहलवानों का कहना है कि अभी आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है वो रिहा होने के बाद अपना विरोध ‘सत्याग्रह‘ के रूप में फिर शुरू करेंगे।
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बताते चलें कि रविवार को दिल्ली पुलिस ने आंदोलन स्थल से प्रदर्शन में प्रयोग किए जा रहे सभी सामान और साम्रगी को टेम्पो और ट्रक में लादकर अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद से धरना स्थल जंतर-मंतर को फिर से साफ कर दिया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को उस समय हिरासत में लिया जब वो मनाही करने के बाद भी नए संसद भवन की ओर मार्च करने को आमादा थे। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने नए संसद भवन के बाहर एक महिला महापंचायत (Women Mahapanchayat) का भी आयोजन किया था। लेकिन पुलिस ने इस सब पर पानी फेर दिया।
वहीं, पुलिस अधिकारी जहां जंतर-मंतर से तंबू उखाड़ने और दूसरे सामान को हटाने के बाद आंदोलन समाप्त करने की बात कह रहे हैं। दूसरी ओर पहलवानों ने कहा कि वे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे।
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नई दिल्ली जिला डीसीपी के मुताबिक रविवार को दिन के वक्त सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए करीब 500 से ज्यादा महिला पुलिसकर्मियों और 1,400 पुरुष कर्मियों को तैनात किया गया था। कुल मिलाकर 700 पहलवानों को अलग-अलग थानों में हिरासत में लिया गया जबकि महिला पहलवानों को शाम 7 बजे के आसपास रिहा कर दिया गया था। हिरासत में लिए गए 550 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों में छात्र, कार्यकर्ता, किसान और श्रमिक संघ के नेता प्रमुख रूप से शामिल रहे हैं।
दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक का कहना है कि पहलवानों ने जो किया वह बेहद गैर जिम्मेदाराना था। उन्हें अब धरना प्रदर्शन नहीं करने देंगे। उनसे (विरोध स्थल से) नहीं हटने को कहा था लेकिन उन्होंने इसको अनसुना किया था। करीब 8-9 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कानून तोड़ा है और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। पुलिस ने पूरे धरनास्थल को साफ कर दिया है।
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दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग थाने में पहलवानों,और ऑर्गनाइजर के खिलाफ दंगा करने, गैरकानूनी जमावड़ा करने, ड्यूटी के दौरान पुलिस के काम में बाधा डालने के आरोप में आईपीसी की अलग-अलग धाराओं 147, 149, 186, 188, 332, 353, PDPP अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया है।
इसके बाद शाम के वक्त महिला रेसलर साक्षी मलिक ने ट्वीट किया कि विरोध खत्म नहीं हुआ है। पुलिस हिरासत से रिहा होने के बाद, जंतर-मंतर पर फिर से अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे। अब महिला पहलवानों का सत्याग्रह होगा…तानाशाही नहीं। एक अन्य पहलवान ने कहा कि हम हार नहीं मानेंगे। पुलिस सामान हटा सकती है, हमें नहीं।
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पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को अलग-अलग थानों – कालकाजी, मयूर विहार, मालवीय नगर, बुराड़ी और नजफगढ़ आदि से हिरासत में लिया गया था, इसलिए वे रिहा होने के बाद नई दिल्ली क्षेत्र में इकट्ठा नहीं हो सके। पुलिस ने पहलवानों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है। पुलिस ने साफ किया है कि अगर वह फिर से वापस लौटते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कानून तोड़ा और पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की है।
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